पटना: बिहार से हज के लिए जाने वालो की सख्या में कमी दर्ज की गई है. जहा पिछले साल कुल 6983 लोग हज के लिए गए थे वही इस साल हज यात्रा के लिए 5,147 लोगों ने पंजीकरण कराया है जो बिहार के कोटे 10,000 यात्रियों की संख्या का आधा है. संख्या घटने का मुख्य कारण सरकार का हज से सब्सिडी हटाना और हवाई यात्रा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाना माना जा रहा है. हवाई यात्रा में 18 फीसदी जीएसटी लगने से हज यात्रा जाने वालों को पिछले साल तुलना में इस साल 15,000 से 60,000 रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे.
हज कमिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लोकसभा के सदस्य चौधरी महबूब अली कैसर ने बताया कि हज कमिटी की तरफ से जो सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं उन पर जीएसटी नहीं लगाया गया है लेकिन हवाई यात्रा पर जीएसटी लगने से बढ़ा किराया हर तीर्थयात्री नहीं दे सकता है. उन्होंने कहा कि जब सर्विस टैक्स लगता था तब हज तीर्थयात्रियों के लिए वह माफ था. यात्रियों को केंद्र सरकार से हज यात्रा में सब्सिडी मिल जाती थी. अब सब्सिडी भी हटा ली गई और ऊपर से हवाई यात्रा में 18 फीसदी जीएसटी भी लग गया है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने पंजीकरण कराया है उनमें से कई लोग अब अपनी यात्रा कैंसल कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हर साल हज यात्रा का खर्चा बढ़ाया जा रहा है यह दुख की बात है. हज यात्रा के लिए जाने वाले कई गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों से होते हैं. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि कम से कम हज यात्रियों के लिए हवाई यात्रा में लगने वाला 18 फीसदी जीएसटी हटा दिया जाए.
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