गिने चुने रह जाएंगे सरकारी बैंक
गिने चुने रह जाएंगे सरकारी बैंक
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भारतीय वित्त मंत्रालय ने कर्ज की समस्या से निपटने के लिए बैंको के एकीकरण का फैसला लिया है, वित्त मंतालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने भारत आर्थिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में 21-22 सरकारी बैंक हैं, इनमे से कुछ बड़े बैंको का एकीकरण किया जाएगा, जिससे बैंको की संख्या घटकर 10 से 15 रह जाएगी ! संजीव सान्याल ने इस बारे में बताया की बैंको की संख्या 21 से घटाकर 10-15 की जा सकती है, जिसमें सरकर की बहुलांश हिस्सेदारी बनी रहेगी !

संजीव सान्याल ने बताया की हमारे पास एक बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक है, इस प्रकार के बड़े बैंको की संख्या बढ़ने पर सरका को जोखिम पर ध्यान देने की समस्या पैदा हो जाएगी और इन बैंको के कर्ज में डूबने पर आर्थिक मंदी की संभावना रहती है. यह एक दीर्घकालीन वाणिज्यिक निर्णय है, जिससे बैंकिंग प्रणाली को सुचारु रूप से चलाया जा सकेगा.

वर्तमान में कई बैंक है जो दक्षता पूर्ण कार्य नहीं कर रहै है और उन्हें मिलाकर बड़ा बैंक नहीं बनेगा, ऐसे में डूबे कर्ज की समस्या हमारी पहली प्राथमिकता होगी. सरकार का ये फैसला गिरती आर्थिक वृद्धि दर और बैंको के बढ़ते कर्ज को मद्दे नजर रखते हुए लिया गया है.

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