किसी भी कार्य में न लगे मन तो करें  कुछ ऐसे जतन
किसी भी कार्य में न लगे मन तो करें कुछ ऐसे जतन
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इस नववर्ष में अपने जीवन को सुखद और सम्पनता की ओर आगे बढ़ाने के लिए वास्तु के बहुत ही सरल उपायों को अपनाएँ ओर इस नव वर्ष की नव बेला मतलब पहले महीने से ही अपने जीवन को सही दिशा प्रदान करें.

अक्सर आप लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान से रहते है। जैसे उनकी पढाई उनकी नौकरी , शादी आदि कुछ ऐसी ही बातों को लेकर परेशान से रहते है . आप अपना समय तो किसी भी तरह काट लेते है। पर आप चाहते है की हमारे बच्चे कुछ अच्छा करें जीवन में प्रगति करें. उनका भविष्य उज्जवल हो यही सभी बातों को लेकर परेशान से रहते है. पर आप उनके मन की एकाग्रता पर ध्यान ही नहीं दे पाते.

  आपको चाहिए की आप वास्तु के नियम का पालन कर मन की एकाग्रता बढ़ाएं और उनके भविष्य को उज्जवल बनायें -

बच्चों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. की उनके पढाई या अध्ययन करने का कक्ष साफ सुथरा हो. बच्चों के पढाई करने की दिशा का निर्धारण कुछ इस तरह होना चाहिए - अध्ययन करते समय उनका मुख मुख्य रूप से पूर्व या उत्तर दिशा में हो ,उत्तर दिशा से आने वाली ऊर्जा सकारात्मक होती है। यदि इन दिशा में अध्ययन करने में कोई समस्या हो तो पश्चिम की ओर भी मुख कर अध्ययन कर सकते है .दक्षिण की ओर मुख कर अध्ययन कदापि न करें. 

अध्ययन का स्थान सामान्य आकार का होना चाहिए। यानी टेबल आयताकार, वर्गाकार या गोलाकार होना चाहिए। टेबल का आकार आड़ा-तिरछा होगा तो बच्चे के मन में एकाग्रता नहीं आ पाएगी. जब भी आपका बच्चा पढ़ने के लिए बैठता हैं तो उसकी पीठ के पीछे दीवार होनी चाहिए। पीठ के पीछे कोई खिड़की या ओपनिंग आपको एनर्जी सपोर्ट तो देती है पर आपका ध्यान भंग करती है। जब भी बच्चा पढ़ाई करे तब उसके सामने से ऊर्जा के प्रवाह में कोई बाधा नहीं पड़नी चाहिए। उसके सामने जगह  होनी  चाहिए जिससे ऊर्जा का प्रवाह सही हो सके .

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