नई दिल्ली : विधि आयोग को और बेहतर बनाने के लिए कार्यों में कंटिन्युटि बनाने के लिए स्थायी निकाय बनाने की सलाह दी गई इस मामले पर अमल के लिए सरकार जल्द आवश्यक कदम उठाया जा सकता है। मामले में विधि एवं कार्मिक मामलों को संसद में स्थायी समिति ने बीते सप्ताह संसद में सामने आए प्रतिवेदन पर विधि आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा देरी से फैसला लिया गया।
समिति ने आयोग की सिफारिशों को लेकर एक वर्ष के अंदर अमल करने की पहल की। केंद्र सरकार विधि आयोग को संसद के अधिनियम द्वारा स्थायी निकाय में बदलना चाहती है तो वे वैधानिक निकाय बन सकते थे। दूसरी ओर पूर्ववर्ती योजना आयोग या इसके नए अवतार नीति आयोग के समान हो सकता है। दोनों का ही गठन केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव के माध्यम से विधि आयोग सरकार को जटिल रात देता है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी आंकड़ों और अदालतों में विधि आयोग की सलाह पर ध्यान दिया जाता है और कानून मंत्रालय अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर सलाह मशविरा करता है। जिसके बाद इन्हें विभिन्न क्षेत्रों में लागू कर दिया जाता है। यही नहीं वर्ष 2010 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा विधि आयोग को वैधानिक दर्जा दिया गया। कैबिनेट के प्रयासों और विधि मंत्रालय के साथ भारतीय विधि आयोग विधेयक, 2010 लाए जाने को लेकर विचार किया गया मगर इस तरह के विचार को अमलीजामा नहीं पहनाया गया।