नई दिल्ली: देश के लिए लड़ते हुए खुद की जान गवाना बहुत बड़ी बात होती है, हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उग्रवादियों के हमले में BSF के दो जवान ने देश के लिए लड़ते लड़ते अपनी जान दे दी. शहीद होने वाले जवानों में पानीपत के इसराना ब्लॉक के गांव अहर के 56 साल जवान भुरू सिंह भी शामिल हैं. शहीद भुरू सिंह मंगलवार सुबह 6:30 बजे गश्त पर गए हुए थे. BSF के जवानों पर उग्रवादी संगठन नेशनल NLFT के उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला करने लगे. जिसमे भुरू सिंह खेंची शाहिद हो गए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भुरू सिंह BSF में सब-इंस्पेक्टर (si) के पद पर कार्यरत थे. शहीद भुरू सिंह के बड़े बेटे रविंद्र ने कहा कि 5 दिन पहले उनकी उनके पिता से फोन पर वार्तालाप हुई थी. फोन पर हुई बातचीत में शहीद ने बोला था कि वह प्रमोशन के लिए प्रशिक्षण पर जाने वाले थे. उससे पहले गांव आने की बात बोल रहे थे.
कल गांव आएगा पार्थिव शरीर: हम बता दें कि शहीद भुरू के छोटे बेटे सुमित भी BSF में कश्मीर में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. सुमित की पत्नी प्रियंकल खेंची भी BSF पंजाब में सब इंस्पेक्टर हैं. बड़ा बेटा रविंद्र निजी कंपनी में कार्य करता है. शहीद भुरू सिंह की पत्नी का निधन हो गया है. गुरुवार को शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया जाने वाला है. जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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