संथारा पर पाबंदी का जैन समुदाय ने किया विरोध
संथारा पर पाबंदी का जैन समुदाय ने किया विरोध
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राजस्थान / जयपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जैन समाज की संथारा और संल्लेखना को लेकर दिए गए निर्णय के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को जैन समाज के विभिन्न संगठनों ने मौन जुलूस निकाला, ज्ञापन सौंपे और धर्म सभाएं कीं। राजस्थान की राजधानी जयपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल व इंदौर तथा उत्तर प्रदेश के झांसी, गाजियाबाद, मथुरा, लखनऊ, आगरा, मेरठ व फिरोजाबाद में मौन जुलूस निकाला गया। जैन समाज ने धर्मसभा की ओर से परंपरा को सही ठहराने के लिए तर्क भी दिए।

जैन समाज का कहना है कि संथारा और संल्लेखना परंपरा है और इसे आत्महत्या नहीं माना जा सकता। राजस्थान उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 10 अगस्त को दिए अपने फैसले में संथारा को असंवैधानिक करार दिया था। यह फैसला साल 2006 में निखिल सोनी द्वारा दाखिल उस जनहित याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि संथारा सती प्रथा के समान है और इसलिए इसपर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। सोनी ने कहा कि न्यायालय ने पाया है कि संथारा संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है और राज्यों को इस प्रथा को बंद करना का निर्देश दिया।

उसने फैसला देते हुए कहा है कि अगर कोई संथारा करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 309 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए और पुलिस को मामले की जांच करनी चाहिए। सोनी ने सूत्रों से कहा कि किसी को यह करने के लिए उत्तेजित या समर्थन करने वालों के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज करना चाहिए। मध्य प्रदेश के इंदौर में मौन रैली निकाली गई। इंसान की जान से ज्यादा परंपरा को महत्व देने वाली समग्र जैन धर्म बचाओ समिति के आह्वान पर निकले प्रदर्शनकारी सफेद कपड़े पहने हुए थे और मुंह पर काली पट्टी बांधकर संथारा के समर्थन में हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। वहीं जैन समाज के लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा।

राज्य के अन्य हिस्सों में भी संथारा के समर्थन में रैलियां निकाली गईं। मुरैना में जैन समाज ने मौन जुलूस निकाला और प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसी तरह जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन जैन समाज के लोगों ने न्यायालय के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। जैन धर्म की परंपरा संथारा (संल्लेखना) के समर्थन में सोमवार सुबह 10 बजे नगर के सकल जैन समाज ने जैन दादाबाड़ी, एमजी रोड से चतुर्विध संघ सहित विशाल मौन मार्च निकाला। दो किलोमीटर लंबी इस मौन रैली में लगभग 10 हजार जैन धमार्नुयायी शामिल हुए।

उधर, छत्तीसगढ़ में भी जैन समाज ने मौन रैली निकाली। रैली के बाद सकल जैन समाज के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने खरतर गच्छाधिपति उपाध्याय मणिप्रभसागर महाराज की अगुवाई में राजभवन जाकर राज्यपाल बलरामजी दास टंडन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन पर गंभीरतापूर्वक गौर करते हुए राज्यपाल टंडन ने उसे राष्ट्रपति को अग्रेषित करने का आश्वासन दिया। वहीं, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में धर्म बचाओ

आंदोलन मार्च निकाला गया और प्रदर्शनकारियों ने कहा कि धार्मिक विश्वास में कोई दखल वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। जैन समुदाय के नेताओं ने कहा कि साल में औसतन 300 लोग संथारा के लिए अपना जीवन कुर्बान करते हैं, जबकि अकेले राजस्थान में यह संख्या 100 है।

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