जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था बेटा लेकिन फिर भी पिता करता रहा लोगों की सेवा, हो गई मौत
जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था बेटा लेकिन फिर भी पिता करता रहा लोगों की सेवा, हो गई मौत
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कोरोना संकट की दूसरी लहर में जब वायरस से शवों का ढेर लग रहा था तो कुछ उन शवों के बीच भी अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से कर रहे थे। मैसूर के रहवासी सैयद मुबारक भी एक ऐसा नाम हैं, जो नकारात्मकता के बाद भी एक सकारात्मक भाव हमारे दिल में उत्पन्न करते हैं। मुबारक का दो वर्ष का बेटा हॉस्पिटल में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा था तो वो लोगों के जीवन बचाने के लिए एंबुलेंस से बगैर रुके लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे थे। मंगलवार प्रातः केवल मुबारक के लिए दुखद जानकारी लेकर नहीं आई, बल्कि हर उस व्यक्ति की आंखों में आंसू लाने वाले थे, जिसने उसकी कहानी सुनी। फ्रंटलाइन वर्कर मुबारक के दो वर्ष के बच्चे ने मैसूर के हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। जब बच्चे ने दम तोड़ा उस समय मुबारक लोगों की सेवा में लगे अपनी ड्यूटी कर रहे थे। अधिकांश एंबुलेंस ड्राइवर जब अपनी ड्यूटी से हिचक रहे थे तो मंसूर उस समय आगे आए। मुबारक मैसूर की भाजपा यूनिट की मुफ्त एंबुलेंस सर्विस का भाग हैं। ये एंबुलेंस सर्विस कोरोना की दूसरी लहर के चलते जरूरतमंदों की सहायता के लिए आरम्भ की गई।

ड्यूटी से बढ़कर सेवा में लगा रहा मुबारक:-
बीते डेढ़ माहों में उन्होंने शहर भर में 100 के अधिक कोविड और नॉन कोविड रोगियों को हॉस्पिटल पहुंचाया था, जिनमें कई की स्थिति काफी गंभीर थी। बीते तीन दिनों में मुबारक ने ड्यूटी से भी आगे बढ़कर सेवा को तरजीह दी। बेटा हॉस्पिटल के बेड पर था और पिता जरूरतमंद रोगियों को हॉस्पिटल पहुंचा रहा था। मुबारक का बेटा गलती से गर्म पानी के टब में गिरने से जल गया था, मगर मुबारक ने छुट्टी नहीं ली, उसने अपना काम जारी रखा।

इसलिए जारी रखी जरूरतमंदों की सहायता:-
मुबारक बताते हैं बेटे के पूरे शरीर पर जलने के निशान थे। उपचार कर रहे चिकित्सकों ने कहा था कि वो सबसे बेहतर प्रयास करेंगे। मैने इसके पश्चात् भगवान तथा चिकित्सकों पर सबकुछ छोड़कर उन लोगों की सहायता जारी रखी, जो मेरी भांति ही जरूरतमंद थे। मैसूर मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर के बाहर बेटे की लाश की प्रतीक्षा कर रहे मुबारक ने बताया कि सोमवार की रात उसने एक रोगी को मैसूर से चामराजनगर जिले पहुंचाया। वह देर रात लौटा तथा मंगलवार प्रातः उसके बेटे ने दम तोड़ दिया।

अपनी पत्नी को नहीं दी जानकारी:-
उसने बताया कि बेटे के लिए मैने कई योजना बनाई थी, मगर वो हमें छोड़ कर चला गया। मैंने अभी भी अपनी पत्नी को इस बारे में नहीं बताया है। मैसूर भाजपा के अध्यक्ष श्रीवत्स ने कहा कि उसका अपना बेटा डेथ बेड पर था, तब भी मुबारक लोगों की सेवा करता रहा। उसने बीते 1।5 माह में बेहद अच्छा काम किया। बेटे की स्थिति ख़राब होने के पश्चात् भी वो देर रात तक काम करता रहा। हमारे पास शब्द नहीं है कि हम उसकी प्रशंसा कर सकें।

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