सम्पूर्ण भारत के पांच प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों  की महत्वता
सम्पूर्ण भारत के पांच प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की महत्वता
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सम्पूर्ण भारत में सभ्यता और संस्कृति का अत्याधिक समावेश है इस भारत वर्ष में धार्मिक क्रियाकलापों को अधिक मात्रा में अपनाया जाता है. यदि हम धर्म कर्म की बात करें या धार्मिक स्थलों की बात करें तो भारत की ओर हमारी नजर ठहर जाती है। निश्चित ही भारत धार्मिक स्थलों के मामले में अमीर है। यंहा सभ्यता ,संस्कृति , धर्म- कर्म को प्रधानता दी गई है. लोगों के अंदर इन सभी को लेकर सच्ची आस्था प्रगट होती है . लेकिन हम बात कर रहे हैं उन प्रमुख स्थलों की जो जितने प्रसिद्ध हैं. उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण और विवादित भी।

1.काशी विश्वनाथ -  इस प्रसिद्ध तीर्थ को भक्त-जनों द्वारा बनारस और वाराणसी भी कहा जाता है। कहा जाता है की यह प्रसिद्ध धार्मिक नगरी काशी भगवान शिव के त्रिशुल की नोक पर बसी हुई है . काशी विश्वनाथ बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक है यह नगरी गंगा जी के तट पर बसी हजारों वर्षो पुरानी नगरी काशी पापों से मुक्ति दिलाने वाली है बताया जाता है की भगवान बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त कर यहीं पर अपना पहला प्रवचन दिया और जैनियों के तीन तीर्थंकरो का जन्म यहीं हुआ इसीलिए यह तीनों धर्मों के लिए पवित्र स्थल है। पुराणों में इस नगरी का बहुत विस्तृत वर्णन मिलता है। कबीर ने इसी नगरी काशी में अपने संदेश दिए . धार्मिक ग्रंथो में बताया जाता है की तुलसीदास जी ने यहीं बैठकर रामचरित मानस की रचना की। चीनी यात्री (ह्वेनसांग) के अनुसार उसके समय में काशी मे सौ मंदिर थे, । मुस्लिम काल के प्रसिद्ध शासक औरंगजेब ने बदलकर मस्जिदें बनाई। इसीलिए आज यह स्थान विवादित स्थल हो चला है। यह बहुत ही पावन और पवित्र स्थल है . इस पवित्र स्थान को हम काशी , शिव , और गंगा इन तीनों के सम्मलेन के साथ पुकारते है "हर हर महादेव संभू , काशी विश्वनाथ गंगे "

2.कैलाश मानसरोवर -  यह स्थान जितना हिन्दू धर्म के लिए महत्वता रखता है वहीं यह बौद्ध और जैन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए भी महत्वपूर्ण है. चूंकि इस पवित्र तीर्थ को भारत में होना चाहिए था, लेकिन यह अब चीन में है. इसीलिए यह विवादित भी है। हालांकि कुछ लोग मानते हैं. कि चीन में है तो सुरक्षित और साफ सुथरा है , अन्यथा ‘मानसरोवर’ के क्या हाल होते यह एक भारतीय से ज्यादा कौन समझ सकता है। यह भगवान शिव का निवास स्थान है। यहां शिव साक्षात् विराजमान है।

3 कृष्ण की मथुरा -  मथुरा उत्तर प्रदेश जिले में यमुना नदी के तट पर बसा एक सुंदर शहर है। यह विश्व का प्राचीन शहर है। 500 ईसा पूर्व के प्राचीन अवशेष मिले हैं, जिससे इसकी प्राचीनता सिद्ध होती है। कृष्ण जन्मभूमि हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। यह उसी तरह है जिस तरह की मदीना मुस्लिमों की आस्था का केंद्र है। रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व (अर्थात आज से 5123 वर्ष पूर्व) को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। इस कारागार को एक भव्य मंदिर में बदल दिया गया था, लेकिन मुस्लिम शासकों ने सन् 1669 ईस्वी में मंदिर को नष्ट कर इसकी भवन सामग्री से जन्मभूमि के आधे हिस्से पर एक भव्य ईदगाह बनवा दी गई, जो कि आज भी विद्यमान है।

4 .राम की अयोध्या - भगवान राम का जन्म आज से 7124 वर्ष पूर्व अर्थात 5116 ईस्वी पूर्व अयोध्या में हुआ था। जैनियों के प्रर्थम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्म भी अयोध्या में हुआ था। तथ्य कहते हैं कि सन् 1528 में अयोध्या में जन्मभूमि पर बने राम मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद का निर्माण किया गया। मुगल सम्राट बाबर ने ये मस्जिद बनवाई थी इसलिए इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा गया। बाबर भारत का बादशाह नहीं था।

5 माता वैष्णो देवी - भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू जिले में कटरा नगर के समीप वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है वैष्णो देवी का मंदिर। वैष्णो देवी को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। यहां पर भारत ही नहीं दुनियाभर से लोग माता के दर्शन करने आते हैं। यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है।

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