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नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को नरेंद्र मोदी सरकार की और से लगातार दो बड़े झटके लगे है। स्मृति ईरानी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपनी जगह न बना पाने के बाद दस महीने की स्मृति की कोशिश के बावजूद अब उनके पसंद के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) को सरकार ने मंजूरी नहीं दी है। बल्कि दस महीने से अनौपचारिक तौर पर इस पद पर काम कर रहे संजय काचरू को सरकार ने मंत्रालय आने से इंकार कर दिया है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में मंत्री के ओएसडी के तौर पर संजय काचरू की नियुक्ति को नामंजूर कर दिया गया है। इनके मुताबिक यह दूसरा मौका है, जब इससे इंकार किया गया है। लगभग दस महीने पहले भी ईरानी की ओर से यह अनुरोध भेजा गया था, लेकिन तब भी इससे इंकार कर दिया गया था।
इस नियुक्ति को राजग सरकार की सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनीं स्मृति ईरानी की अहमियत के साथ जोड़ कर इसलिए देखा जा रहा है, क्योंकि पिछली बार काचरू की नियुक्ति की इजाजत नहीं मिलने के बावजूद उन्होंने कचरू को अपने कार्यालय में बनाए रखा था। सरकार और भाजपा के अंदर ही इस पर सवाल उठ रहे थे क्योंकि वे मंत्रालय से जुड़ने से पहले देश की एक शीर्ष कंपनी के अधिकारी थे।
अब तक इन सब सवालों के बीच इतने महीनों तक काचरू मंत्रालय में अनौपचारिक तौर पर बने रहे। मगर इस बार उन्हें सरकार में उच्च स्तर से यह भी कह दिया गया है कि काचरू को मंत्रालय से दूर रखा जाए। इसके बाद उन्होंने दफ्तर आना भी बंद कर दिया है। काचरू ने माना कि वे दफ्तर नहीं आ रहे हैं, लेकिन साथ ही वे कहते हैं कि यह कहना भी ठीक नहीं होगा कि उनकी नियुक्ति के लिए मना कर दिया गया हो।
उन्होंने कहा कि चूंकि अब तक कोई फैसला ही नहीं आया है, इसलिए उन्होंने दफ्तर आना बंद कर दिया है। इससे पहले ईरानी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाया जा चुका है।