इंदौर: पाकिस्तान से लाई गई मूक बधिर गीता को अपनी बेटी होने का दावा करने वाले तीन में से दो परिवार सोमवार को इंदौर पहुंचे, मूक बधिर गीता बीते दो साल से इंदौर के स्कीम नंबर 71 स्थित मूक बधिर संगठन में रह रही है. तीसरा परिवार किन्ही कारणों से नहीं आ पाया है. अब तक करीब आठ दंपती गीता को अपनी बेटी होने का दावा कर चुके हैं, लेकिन सभी की डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव है. गीता ने भी सभी को पहचानने से इंकार किया है.
बीते सालों में कई बार ऐसा हो चूका है कि गीता के लिए कई दंपत्ति आये और डीएनए में फ़ैल हुए ऐसे में गीता के मन पर क्या गुजर रही होगी, समझना मुश्किल है. लगातार हालातों से लड़कर गीता हर बार खुद को बस इस लिए समेट लेती है कि, एक दिन सब ठीक हो जायेगा. पुलिस जांच, बड़े-बड़े सरकारी दावों के बीच गीता की जिंदगी का सच स्कीम नंबर 71 स्थित मूक बधिर संगठन ही है.
आशा है जल्द ही गीता को अपना घर और घर वाले मिल जायेंगे. अब सब कुछ गीता के और दावा कर रहे दम्पत्तियों के डीएनए रिपोर्ट पर निर्भर करता है. तीनो दम्पतियों का टेस्ट किया जायेगा और उसे गीता की डीएनए रिपोर्ट से मिलान किया जायेगा.
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