हिसार: एक तरफ दुनियाभर में कोरोना का कहर और दूसरी और मौसम का अलग मिज़ाज़ यदि ऐसा ही लगातार चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं है जब पूरी दुनिया में इस वायरस के कारण हर तरफ तवाही का नया मंज़र देखने को मिलेगा. कोरोना संकट के बीच 20 साल में पहली बार अप्रैल का पहला सप्ताह अपेक्षाकृत ठंडा है. बीते चार दिनों में अधिकतम तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री तक कम रहा और 30 डिग्री से अधिक नहीं हुआ, जबकि सामान्य रूप से अप्रैल के पहले हफ्ते में तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है. एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार हिसार में एक अप्रैल को तापमान 28 डिग्री, दो अप्रैल को 29 डिग्री, तीन अप्रैल को 29.4 डिग्री और चार अप्रैल को 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा. न्यूनतम तापमान भी इस बार सामान्य से कम है, जो 14 डिग्री से अधिक होना चाहिए, लेकिन अप्रैल के चार दिनों में 3 अप्रैल को 13.9 डिग्री तक ही गया है. चार अप्रैल यानी शनिवार को यह 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
ये हैं कारण: एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ के अनुसार मार्च में पांच पश्चिमी विक्षोभ आए थे. इनसे वातावरण में बनी नमी के कारण मार्च का तापमान भी अपेक्षाकृत कम रहा. 31 मार्च को भी एक पश्चिमी विक्षोभ आया, जिसके असर के कारण अप्रैल में भी तापमान अपेक्षाकृत कम है. छह अप्रैल की रात को फिर मौसम में परिवर्तन आएगा, जिससे तापमान कुछ दिनों तक सामान्य से कम रहने की संभावना है.
2001 में अप्रैल के पहले दो दिन 30 डिग्री से कम रहा था तापमान: इससे पहले 2001 में एक अप्रैल को अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस और दो अप्रैल को 29.3 डिग्री सेल्सियस रहा. तीन अप्रैल को तापमान 30 डिग्री से आगे बढ़ा था. वर्ष 2005 में सिर्फ एक अप्रैल को 29.9 डिग्री सेल्सियस रहा.
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