दिल्ली :सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले ये वीर सैनिको की बहादुरी को जहां पूरा देश सलाम करता है तो वहीँ ये सैनिक भगवान का दुसरा रूप कहलाने वाले डॉक्टरों को सलाम कर रहे हैं ऐसा क्यों. इसके पीछे की वहज ये है कि दुश्मनों की गोली खाने के बाद जब ये अपने सामान्य जीवन से दूर हो जाते है तब उनके जीवन में देश के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल के डॉक्टर ही काम आते है और उन्हें नव जीवन दे जाते है इसलिए ये जवान वहां के डॉक्टरों को सलाम कर रहे हैं.
आपको बता दें कि जवान वहां के डॉक्टरों को सलाम क्यों करते है इसकी वजह है वर्षों से अंधकार और दिव्यांगता में जी रहे जीवन को नव जीवन मिलना है डॉक्टरों ने कृत्रिम (आर्टिफिशियल) पद्धति के जरिए किसी को आंख दी, तो किसी को कान. इस साल वहां के 67 जवानों को कृत्रिम आंख, कान और नाक देकर डॉक्टरों ने सैन्य जवानों का हौसला और भी ज्यादा बुलंद कर दिया है.
दिल्ली के धौला कुआं स्थित आर्मी अस्पताल यूं तो कई तरह के चिकित्सीय शोध और इलाज के लिए चर्चित है, लेकिन यहां के दंत केंद्र ने भी जवानों को कृत्रिम अंग देकर नया मुकाम हासिल किया है. इस केंद्र में 5 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम है, जो सीमा पर दिव्यांग हुए जवानों का उपचार करने में जुटी है.
सीमा पर लड़ाई के दौरान हमारे जवान जब घायल होकर यहां आते हैं, तो एक-एक केस हमारे लिए चुनौतियों से भरा होता है. दिल्ली का सैन्य अस्पताल अपने जवानों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा दे रहा है. जल्द ही यहां 3डी प्रिंटर्स और स्कैनिंग के जरिये भी इलाज होगा.
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