एक डॉक्टर साहब पार्टी में गए। अपने बीच शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर को पाकर लोगों ने उन्हें घेर लिया। किसी को जुकाम था तो किसी के पेट में गैस, इसलिए सभी मुफ्त की राय लेने के चक्कर में डॉक्टर के पास पहुंच गए। शिष्टाचारवश डॉक्टर साहब किसी को मना नहीं कर पा रहे थे।
उसी पार्टी में शहर के एक नामी वकील भी आए हुए थे। मौका मिलते ही डॉक्टर साहब वकील साहब के पास पहुंचे और उन्हें एक ओर ले जाकर बोले, ‘यार! मैं तो परेशान हो गया हूं, सभी फ्री में इलाज कराना चाहते हैं। तुम्हें भी ऐसे लोग मिलते हैं क्या?’
वकील ने जवाब दिया, ‘हां बहुत मिलते हैं।’
डॉक्टर ने पूछा, ‘तो फिर उनसे कैसे निपटते हो?’
वकील बोला, ‘बिल्कुल सीधा तरीका है। मैं उन्हें सलाह देता हूं, जैसा कि वे चाहते हैं। बाद में उनके घर बिल भिजवा देता हूं।’यह बात डॉक्टर साहब को कुछ जम गई, अगले रोज उन्होंने भी पार्टी में मिले कुछ लोगों के नाम बिल बनाए और उन्हें भिजवाने ही वाले थे कि तभी उनका नौकर अंदर आया और बोला,
‘साहब, कोई आपसे मिलना चाहता है।’
डॉक्टर ने पूछा, ‘कौन है?’ नौकर ने जवाब दिया, ‘वकील साहब का चपरासी है, कहता है कल रात पार्टी में आपने वकील साहब से जो राय ली थी, उसका बिल लाया है।’