शहीद दिवस - सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है

 1- मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ, जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ।  

2- सीनें में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति, की चमक रखता हुँ; दुश्मन के साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ। 

3- यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी, और पूजे न गए वीर, तो सच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी। 

4- अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ भुला सकते नहीं, सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं।

5- सैकड़ो परिंदे आसमान पर आज नज़र आने लगे, शहीदो ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की।

6- सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है। 

7-  ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम, तेरी राहों मैं जां तक लुटा जायेंगे; फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम, भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे। 

 8- अपनी आज़ादी को हम हरगिज भुला सकते नहीं, सर कटा सकते है लकिन सर झुका सकते नहीं।

9- मन को खुद ही मगन कर लो, कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो। 

10- खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।

शहीद दिवस : भगत सिंह का आखिरी खत आपको सिखा देगा असली देशभक्ति

श्रद्धा कपूर ने कोरोना को लेकर फैंस को किया जागरूक

नागिन फेम सायंतनी ने आइसोलेशन में रहकर किया ऐसा काम

- Sponsored Advert -

Most Popular

मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -