कारगिल के पहले शहीद कैप्टन कालिया को लेकर परिजन ने उठाई मांग
कारगिल के पहले शहीद कैप्टन कालिया को लेकर परिजन ने उठाई मांग
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नई दिल्ली : केंद्र की राजग सरकार द्वारा कारगिल युद्ध के तहत शहीद हुए कैप्टन सौरभ कालिया समेत पांच भारतीय जवानों को न्याय को लेकर अधिक सक्रिय नज़र नहीं आती। मामले में कहा गया है कि सरकार द्वारा बीते दिनों संसद में इस मसले पर एक प्रश्न उठाया गया। जिसमें कहा गया कि इंटरनेशनल कोर्ट में इसे सामने नहीं रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के अंतर्गत सीमा पर 4 जाट रेजिमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया और उनके साथ मौजूद पांच जवानों को पाकिस्तान द्वारा बंदी बना लिया गया था। यही नहीं इस दौरान उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।

जिसके चलते वे शहीद हो गए। अब उनके परिजन पाकिस्तानी सैनिकों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि कैप्टन सौरभ कालिया समेत अन्य जवानों को न्याय मिलना चाहिए। यही नहीं सांसद चंद्रशेखर द्वारा इस मामले में संसद में प्रश्न उठाया गया और कहा गया कि सौरभ और पांच अन्य भारतीय सैनिकों की पाकिस्तानी सेना द्वारा हत्या को लेकर मामले को युनाईटेड नेशंस के मानवाधिकार आयोग के सामने उठाया जा सकता है। यही नहीं मामले में आईसीजे का दरवाजा खटखटाया गया। दूसरी ओर दोषी पाकिस्तानी सैनिकों को सजा दिए जाने की मांग भी की गई। यही नहीं मामले में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह द्वारा कहा गया है कि मामले में 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को न्यूयाॅर्क अधिवेशन के तहत 22 सितंबर 1999 के साथ मानवाधिकार आयोग को जानकारी प्रदान की जा चुकी है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के माध्यम से कानूनी कार्रवाई को लेकर सभी बिंदूओं पर विचार किया जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार 4 जाट रेजिमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया वर्ष 1999 में हुए कारिगल विजय अभियान के पहले शहीद थे। उन्हें 15 मई 1999 को पाकिस्तानी सेना द्वारा पकड़ लिया गया था तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना द्वारा 6 जून वर्ष 1999 को भारतीय सेना का शव लौटा दिया गया था। उन्हें कई तरह की यातनाऐं दी गई थीं। 

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