जब हम किसी भी मंजिल या शहर की तरफ घर से निकलते हैं तो अगर यात्रा सुखद होती है तो कार्य में निश्चित ही सफलता मिलती है। यात्रा कभी सुखदायी होती है तो कभी इतनी यातनाएं यात्रा में मिलती हैं कि व्यक्ति सोचता है कि यह यात्रा यातना की तरह थी। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि हम कभी भी यात्रा में जाने से पहले शकुन और दिशाशूल का विचार नहीं करते, फलस्वस्प कभी सफल हो जाते हैं तो कभी हमें असफलता का मुंह देखना पड़ता है। ऐसी ही एक मान्यता ज्योतिष के अनुसार बुधवार के बारे में भी है।
कहते हैं बुधवार का ना तो यात्रा करनी चाहिए और ना ही बेटियों को अपने ससुराल जाना चाहिए। दरअसल, इसके पीछे कारण यह है कि हमारे शास्त्रों व ज्योतिष के अनुसार बुधवार के दिन बेटियों को विदा करने पर या यात्रा करने पर किसी भी तरह का अशुभ परिणाम होने की संभावना उस दशा में बढ़ जाती है जबकि उसकी गृह दशा भी खराब हो। इस प्रथा के पीछे एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार बुध चंद्र को शत्रु मानता है पर चंद्र बुध को नहीं।
ज्योतिष में चंद्र को यात्रा का कारक माना जाता है और बुध को आय या बिजनेस का कारक माना जाता है। इसीलिए बुधवार के दिन किसी भी तरह की व्यावसायिक यात्रा पर हानि व अन्य किसी तरह की यात्रा करने पर नुकसान होता है। यदि बुध खराब हो तो दुर्घटना या किसी तरह की अनिष्ट घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए ऐसी मान्यता है कि बुधवार के दिन बेटियों को सुसराल नहीं भेजा जाना चाहिए।
बुधवार को कुछ और काम ऐसे हैं जो अगर किए जाऐं तो उन कार्यों को करने से व्यक्ति की बुद्धि घटती है। व्यक्ति के शत्रु बढते हैं, ससुराल से संबंध खराब होते हैं, पराक्रम में कमी आती है। चलिए हम आपको बताते हैं इन समस्याओं से बचने के लिए बुधवार के दिन और कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए…
बुधवार के दिन पान नहीं खाना चाहिए।
दूध को जलाने का काम जैसे गजरेला, खीर, रबड़ी आदि बनाने का काम नहीं करना चाहिए।
कन्या का अपमान नहीं करना चाहिए। छोटी कन्या मिल जाए तो उसे उपहार स्वरूप कुछ भेंट या कुछ पैसे भी दे सकते हैं।
बुधवार के दिन किन्नर का मजाक न करें। अगर किन्नर मिल जाऐं तो उन्हें भेंट स्वरूप कुछ पैसे अथवा उपहार दें।
बुधवार के दिन टूथ पेस्ट, टूथ ब्रश और कोई भी बालों से संबंधित चीजों का क्रय-विक्रय न करें।
बुधवार के दिन पुरूषों को ससुराल नहीं जाना चाहिए।
बुधवार के दिन साली, बुआ, विवाहित बहन और बेटी को घर पर निमंत्रण न दें।