राज्यसभा ने संविधान के प्रति बचनबद्धता दोहराई
राज्यसभा ने संविधान के प्रति बचनबद्धता दोहराई
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नई दिल्ली : राज्यसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें संविधान के सिद्धांतों व आदर्शो के प्रति बचनबद्धता दोहराई गई तथा देश की संप्रभुता और बहुलता के संरक्षण का संकल्प लिया गया। बी.आर.अंबेडकर की 125वीं जयंती के तहत भारत के संविधान के प्रति बचनबद्धता पर तीन दिवसीय चर्चा के दौरान प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव को पढ़ते हुए राज्यसभा के सभापति एम.हामिद अंसारी ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद और संविधान के अन्य संस्थापक सदस्यों की अग्रणी व चिर स्मरणीय भूमिका तथा हमें 26 जनवरी, 1950 को संविधान प्रदान करने में दिए गए योगदान को आभार के साथ याद किया गया।

प्रस्ताव के मुताबिक, संविधान समिति की मसौदा कमेटी के अध्यक्ष डॉ.बी.आर.अंबेडकर तथा संविधान के निर्माण में भाग लेनेवाले अन्य सदस्यों के अनमोल योगदान को याद करते हुए हम संविधान के सिद्धांतों व आदर्शो के प्रति अपनी बचनबद्धता की सत्यनिष्ठा से पुष्टि करते हैं और संविधान की सर्वोच्चता व पवित्रता को बरकरार रखने का संकल्प लेते हैं।

सदस्यों ने संवैधानिक संस्थानों का आदर, उनकी स्वतंत्रता व अधिकार, संप्रभुता की सुरक्षा, एकता, बहुलता व हमारे देश की अखंडता तथा इसके लोकतांत्रिक, समाजवादी व धर्मनिरपेक्ष गुणों और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा व जवाबदेही बरकरार रखने का संकल्प लिया। राज्यसभा के सभापति ने यह भी कहा कि सदस्यों को खुद को समानता व सामाजिक न्याय व एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के कार्य में समर्पित करना चाहिए।

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