Apr 14 2017 02:30 AM
उज्जैन। जो मानव भागवत का श्रवण नहीं करता उसका जीवन व्यर्थ है। श्रीकृष्ण भगवान अपनी शरण में आने वालों को भी सम्मान देते हैं। जब उनके बालसखा सुदामा उनसे मिलने पहुंचे तो भगवान ने अपने अश्रुओं से उनके पैर धोएं। सुदामा जो चावल लेकर आये थे वह भी भगवान ने प्रेम से खाये।
उक्त बात छत्रीचैक पानी की टंकी के सामने स्थित मंत्री लाॅज में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान महोत्सव में अंतिम दिन श्रीकृष्ण सुदामा प्रसंग पर भागवताचार्य सुधीर पंड्या ने कही। कथा समापन पर इंदौर से पधारे श्री वल्लभ राय संप्रदाय के तुलसीदासजी, रामगोपाल मंत्री, निरंजन मंत्री, अंकरचंद्र सोनी, दिनेश सुखनंदन जोशी, महेश लड्ढा, जुगलकिशोर धामानी, अमृतलाल जैन, अजयकुमार शर्मा, मनमोहन मंत्री, संजय बजाज, अमित मंत्री, कुमावत दिसावल ने आरती की।
बच्चों को संस्कारवान बनाएं -स्वामीजी
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