style="text-align: justify;">नई दिल्ली : RBI गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि यदि फाइनेंशियल इनक्लूजन को बढ़ावा दिया जाये तो देश में हो रहे लगातार किसानों के आत्महत्या मामलो पर रोक लगायी जा सकती है. गवर्नर का कहना है कि किसानो के आत्महत्या मामलों को मजाक में नहीं लेना चाइये.
उन्होंने कहा इसके पीछे कर्ज का बोझ नहीं बल्कि कर्ज मिलने में दिक्कत ज्यादा बड़ी वजह है.
राजन ने यह भी कहा कि औपचारिक सिस्टम न होना एक बडी समस्या है, जिसके कारण किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. उन्होनें कहा कि औपचारिक वित्त संस्थानों को देश के कोने-कोने तक फैलाने की जरुरत है.
2014 में 26% बढ़े किसानों की आत्महत्या के मामले -
2014 में किसानों की आत्महत्या के मामलों में 26 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस साल देश में कुल 1109 किसानों ने आत्महत्या की है. इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र के हैं. 1109 मामलों में से 986 महाराष्ट्र के, 84 तेलंगाना और 29 झारखंड के हैं. 2013 में 879 किसानों ने आत्महत्या की थी. 2012 में 1046 किसानों ने अपनी जान दी थी.
20 साल में मरे 3 लाख किसान -
पिछले बीस साल में तकरीबन 3 लाख किसानों ने फसल खराब होने, बेमौसम बारिश, गरीबी, कर्ज के बोझ जैसे कारणों के चलते आत्महत्या की है. खासकर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश,कर्नाटक, मध्यप्रदेश और केरल जैसे राज्य तो इस मामले में अव्वल रहे हैं.
लेकिन इस बार मार्च और अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश ने पंजाब और हरियाणा जैसे समृद्ध राज्यों के किसानों की भी कमर तोड़ कर रख दी. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 2013 तक महाराष्ट्र में 3146, आंध्रप्रदेश में 2014, कर्नाटक में 1403, मध्यप्रदेश में 1090 और केरल में 972 किसानों ने आत्महत्या की है.