भारतीय गणतंत्र दिवस पर परेड करेगी उस मुस्लिम देश की सेना, जिसके नोटों पर हैं श्री गणेश..

भारतीय गणतंत्र दिवस पर परेड करेगी उस मुस्लिम देश की सेना, जिसके नोटों पर हैं श्री गणेश..
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नई दिल्ली: भारत का 76वां गणतंत्र दिवस समारोह इस बार बेहद खास होगा। इस मौके पर दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। प्रबोवो सुबियांतो का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि उनके नेतृत्व में पहली बार इंडोनेशिया की सेना की 52 जवानों की टुकड़ी कर्तव्य पथ पर मार्च करती नजर आएगी।  

इस ऐतिहासिक पल के साथ ही एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि 1950 में जब भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था, तब भी इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे। गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया की उपस्थिति इस तथ्य को और भी खास बनाती है कि यह देश न केवल भारत के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़ा है, बल्कि भारत के मूल, हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी आस्था और सम्मान भी रखता है। हालांकि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है, लेकिन इसका हिंदू धर्म के साथ जुड़ाव अनोखा और गहरा है। वहां के करेंसी नोटों पर भगवान श्री गणेश की छवि अंकित है, जो वहां के लोगों के बीच भी ज्ञान, समृद्धि और शुभता के प्रतीक माने जाते हैं। यही नहीं, इंडोनेशिया के कई द्वीपों पर हिंदू संस्कृति का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।  

इंडोनेशिया के लोग खुद को भगवान श्री राम से जुड़ा हुआ मानते हैं। बाली जैसे क्षेत्रों में हर दिन रामायण का मंचन और प्रसारण किया जाता है। टीवी पर आज भी रामायण सीरियल बड़े चाव से देखा जाता है। वहां के समाज में रामायण केवल एक पौराणिक कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक मार्गदर्शक है। हिंदू धर्म का प्रभाव इंडोनेशिया के नामों और पारंपरिक रीति-रिवाजों में भी झलकता है।  

हाल के वर्षों में भारत और इंडोनेशिया के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दोनों देशों के बीच 2023-24 में 29 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार हुआ। इंडोनेशिया भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और ऊर्जा, विनिर्माण, कपड़ा, स्टील, ऑटोमोबाइल और खनन जैसे क्षेत्रों में भारत ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है। साथ ही, इंडोनेशिया भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने का इच्छुक है। फूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी और हेल्थ सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर इस दौरे के दौरान कई अहम समझौते होने की संभावना है। इंडोनेशिया को 1.6 लाख डॉक्टरों और नर्सों की जरूरत है, जिसके लिए वह भारत से सहयोग चाहता है।  

इस बार इंडोनेशिया की सेना कर्तव्य पथ पर 52 जवानों की टुकड़ी के साथ मार्च करेगी। यह न केवल दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए साझा प्रतिबद्धता को भी उजागर करेगा। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का यह पहला भारत दौरा है। उनके आने से पहले ही यह चर्चा थी कि उन्होंने भारत के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया। उनके दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुबियांतो के बीच फूड सिक्योरिटी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, रक्षा सहयोग और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा होगी।  

भारत और इंडोनेशिया के संबंध केवल व्यापार और कूटनीति तक सीमित नहीं हैं। इनका आधार सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर टिका है। हिंदू धर्म के प्रति इंडोनेशिया के लोगों की श्रद्धा और सम्मान इसे एक अनोखा आयाम प्रदान करता है। गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया की उपस्थिति यह संदेश देती है कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव के साथ-साथ आधुनिक दौर में भी दोनों देश एक दूसरे के सहयोगी बने रहेंगे। इस बार का गणतंत्र दिवस न केवल दोनों देशों के मजबूत रिश्तों का प्रतीक होगा, बल्कि भारत और इंडोनेशिया के बीच साझा सांस्कृतिक विरासत और भविष्य के सहयोग को भी नई दिशा देगा।

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