तुर्की तक पहुंचा 'हिजाब विरोधी' आंदोलन, मशहूर सिंगर ने स्टेज पर ही काट दिए अपने बाल
तुर्की तक पहुंचा 'हिजाब विरोधी' आंदोलन, मशहूर सिंगर ने स्टेज पर ही काट दिए अपने बाल
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तेहरान: हिजाब को उतार फेंक (Anti Hijab Protest in Iran) अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरी ईरान की मुस्लिम महिलाओं का वहाँ की इस्लामी सरकार बर्बरतापूर्वक दमन कर रही है। ईरान पुलिस की फायरिंग में कई महिलाओं की जान जा चुकी है, फिर भी महिलाएँ  पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है और कट्टरपंथ का खुलकर विरोध कर रही हैं। वहीं, पूरे ईरान में जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शन के बीच वहाँ की पुलिस ने पूर्व राष्ट्रपति अली अकबर हाशमी रफसंजानी (Ali Akbar Hashemi Rafsanjani) की बेटी फाजेह हाशमी (Faezeh Hashemi) को अरेस्ट कर लिया है। फाजेह पर इल्जाम है कि वह ईरान की राजधानी तेहरान में महिला प्रदर्शनकारियों का साथ दे रही हैं।

 

वहीं, ईरानी महिलाओं द्वारा किए जा रहे हिजाब विरोधी (Anti Hijab Protest in Iran) समर्थन में तुर्की की जानी मानी गायिका मलेक मोस्सो (Melek Mosso) ने एक स्टेज शो के दौरान सार्वजनिक रूप से अपने बाल काट डाले। दरसअल, आज बाल, मुस्लिम महिलाओं की आजादी का प्रतीक बन गए हैं। हिजाब विरोधी आंदोलन (Anti Hijab Protest in Iran) में ईरान की महिलाओं को पूरे विश्व से समर्थन मिल रहा है। इसमें समाज के उच्च तबके से लेकर निचले वर्ग के लोग तक शामिल है। पूरे विश्व के लोग विभिन्न तरीकों से ईरानी महिलाओं के प्रति समर्थन जाहिर कर रहे हैं।  

 

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति अली अकबर हाशमी रफसंजानी (Ali Akbar Hashemi Rafsanjani) की बेटी ईरान की नीतियों की मुखर आलोचक रही हैं। उन्हें वर्ष 2009 में भी विरोध प्रदर्शन के बाद अरेस्ट कर लिया गया था। उसी साल उन्हें बेअदबी और सरकार के खिलाफ काम करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं उन पर पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने का भी इल्जाम लगा था। बता दें कि हाशमी के पिता अली अकबर हाशमी रफसंजानी ईरान में इस्लामी राज स्थापित करने वाले लोगों में शामिल रहे हैं। वे ईरान के दो बार राष्ट्रपति रहे। अली अकबर की साल 2017 में इंतकाल हो चुका है।

बता दें कि ईरान में 13 सितंबर 2022 को हिजाब में से बाल दिख जाने के कारण महसा अमीनी को नैतिक पुलिस (Moral Police) ने अरेस्ट कर लिया था। जिसके बाद मोरल पुलिस ने अमिनी को पीट-पीट कर कोमा में पहुँचा दिया था। गिरफ्तारी के दिन बाद यानी 16 सितंबर को महसा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद से ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए, जो कि सरकार की दमनकारी नीतियों के चलते हिंसक होते चले गए। हिजाब विरोधी आंदोलन से ईरान में अब तक चार महिलाओं सहित लगभग 76 लोगों की मौत हो चुकी है।  

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