सिलाई का काम करने वाला नावेद आखिर कैसे बना आतंकी ?
सिलाई का काम करने वाला नावेद आखिर कैसे बना आतंकी ?
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नई दिल्ली : ऊधमपुर में सेना के काफिले पर हुए हमले के बाद पकड़े गए आतंकी कासिम उर्फ नावेद को लेकर हाल ही में यह बात सामने आई है कि लश्कर के कैंप में सम्मिलित होने से पूर्व नावेद फैसलाबाद में सिलाई का कार्य करता था और करीब 10000 रूपए महीना कमाता था। मिली जानकारी के अनुसार जब नावेद से सवाल किए गए तो उसने कुछ इस तरह की बातें बताईं। यही नहीं भारत और पाकिस्तान के बीच साझा होने वाले डोजियार में भी इस बात का उल्लेख किया गया है।

मामले में 39 पेज की जानकारी समाहित की गई है। यही नहीं सरकारी स्कूल मे कक्षा 4 तक अध्ययन करने वाले नावेद तौसीफ इंटरप्राइजेज में नौकरी भी की, वह शौकियातौर पर जुआ खेलता है। यही नहीं उसने यह स्वीकार किया है कि वह एक दिन में 30000 रूपए इसी आदत के कारण गंवा चुका है। जुंआ खेलने के लिए उसने नदीम के पास से चोरी भी की थी।

जब वह तौफिक इंटरप्राइजेस की नौकरी कर रहा था तो मौलवी बशीर का ध्यान उसकी ओर गया। इसी दौरान उसने उसे आतंकवाद की ओर प्रेरित किया। जिसके बाद उसने अन्य लड़कों के साथ आतंकवाद की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दौरान उसे 3.30 बजे उठाया जाता था और रात करीब 10 बजे उसकी दिनचर्या विश्राम के साथ पूरी होती थी। 

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