छुपाकर जबसे रखी है, तेरी तस्वीर सीने में..! बताया उसको होती है,बहुत तक़लीफ जीने में..!! बहक जाता था जो पीकर, तेरी आँखों के पैमाने, नहीं चढ़ता नशा उसको,किसी के साथ पीने में..!! चंदन सा बदन छूकर तेरा, शीतल जो हो जाता था, जलने लगा बदन उसका,है सावन के महीने में..!! समन्दर बीच कश़्ती है, नहीं है नाख़ुदा कोई, है साहिल पूँछता माँझी,नहीं दिखता सफ़ीने में..!! मोहब्बत एक इबादत है इबादत से ख़ुदा मिलता, ख़ुदा "वीरान" है सब को,नहीं मिलता मदीने में..!!