May 05 2016 02:36 PM
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भी दिल्ली की ही तरह राज्यपाल और राज्य सरकर में टकराव की स्थिति बन गई है। मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल राम नाईक ने दो विधेयकों को पारित होने के बाद स्वयं के पास आने के दौरान वापस लौटा दिया। उन्होंने इन विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं किए। डाॅ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान विधेयक 2015 और आईआईएमटी विश्वविद्यालय, मेरठ विधेयक 2016 को सम्मिलित किया गया है।
इस मामले में राज्यपाल राम नाईक द्वारा डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान संबंधी विधेयक को वापस लेने का कारण माना गया है कि अधिकारियों, कर्मचारियों की जिस तरह से नियुक्तियां की गई हैं उनकी अधिकांश शक्तियां अध्यक्ष के पद में निहित हैं।
इस मामले में राज्यपाल ने धारा - 42 का उल्लेख करते हुए अध्यक्ष पर दिए गए अधिकार और सवाल उठाए। हालांकि सैफई मेडिकल बिल को राज्यपाल राम नाईक ने स्वीकृृति दे दी थी। मगर अब इन विधेयकों का लौटाने के बाद यह लग रहा है कि सीएम हाउस और राजभवन के रिश्तों में तल्खी आ सकती है। एक तरह से यहां पर भी केंद्र और राज्य में तकरार की बात सामने आ सकती है।
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