यहाँ प्रसाद नहीं बल्कि मंदिर और गुरूद्वारे में चढ़ता है डोसा और एरोप्लेन
यहाँ प्रसाद नहीं बल्कि मंदिर और गुरूद्वारे में चढ़ता है डोसा और एरोप्लेन
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हमारे देश में करोड़ो मंदिर है और बहुत से गुरूद्वारे भी है. सभी लोग यहाँ आकर अपने-अपने तरीके से पूजा-अर्चना करते है. पूजा करने के बाद वो भोग और प्रसाद भी चढ़ाते है. लेकिन इनमे से बहुत से ऐसे मंदिर है जहा की अलग-अलग मान्यताए है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिर और गुरूद्वारे के बारे में बता रहे है. कुछ ऐसे मंदिर और गुरूद्वारे जो अपने प्रसाद के चढ़ावे को लेकर चर्चा में रहते है.

ये मंदिर और गुरूद्वारे सबसे इसलिए अलग है क्योकि यहाँ प्रसाद में डोसे से लेकर हवाई-जहाज तक चढ़ाए जाते है. जालंधर में शहीद बाबा निहाल सिंह का गुरुद्वारा है. इस गुरूद्वारे में कभी भी खाने वाला प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है बल्कि यहाँ पर खाने में हमेशा खिलौने वाले हवाई जहाज चलाये जाते है. और इसलिए इस गुरूद्वारे को हवाई जहाज गुरूद्वारे के नाम से भी जाना जाता है.

असम के गुवाहाटी में कामाख्या देवी का मंदिर है. इस मंदिर में खाने का प्रसाद नहीं बल्कि देवी माँ के रज की मौजूदगी वाले कपड़ों को बांटा जाता है. ये मंदिर देश-विदेश तक में बहुत मशहूर है.

भगवान विष्णु का ये मंदिर मदुरई में स्थित है. इस मंदिर में बड़ी ही दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है. इस मंदिर में भक्जन प्रसाद के रूप में डोसा चढ़ाते है.

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