जमशेदपुर : टाटा समूह अपनी दो दिग्गज कंपनियों टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में बड़े बदलाव की तैयारी में है. अगले पांच सालों में इन दोनों कंपनियों में कई बड़े फेरबदल नजर आ सकते हैं. जहाँ टाटा पॉवर के प्रदर्शन में सुधार किया जाएगा, वहीँ टाटा की कई कंपनियों को बंद करने पर भी विचार किया जा रहा है.इसके लिए पांच साल के प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं को आधार बनाया जाएगा.
इस बारे में टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि इस्पात निर्माता टाटा स्टील और ऑटो सेक्टर की दिग्गज टाटा मोटर्स उनकी प्राथमिकता सूची में हैं. भारत में इसका कारोबार बढ़ाने के लिए कंपनी के पास कुछ योजनाएं हैं. वहीँ कर्ज में डूबी हुई कुछ स्टील कंपनियों पर भी निगाहें लगी हुई है. कंपनियों को लाभ में लाने के लिए टाटा समूह ने टाटा स्टील के यूरोपीय कारोबार और भारतीय कारोबार को अलग कर लिया है.
बता दें कि टाटा समूह का मुख्य लक्ष्य टाटा स्टील और टाटा मोटर्स पर केंद्रित है.टाटा स्टील भारत में अभी 13 मिलियन टन स्टील बना रही है. इनमें जमशेदपुर प्लांट में 10 मिलियन टन और कलिंगानगर में 3 मिलियन टन स्टील उत्पादन शामिल है.इसी तरह टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में एक दिन में 500 मध्यम व भारी वाहन निर्माण की क्षमता है, लेकिन फ़िलहाल 350 वाहन ही उत्पादित हो पा रहे हैं.कंपनी सूत्रों के अनुसार पर्याप्त ऑर्डर व कच्चे माल की आपूर्ति में कमी के कारण प्लांट क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है.
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