मशरूम का भारत में मौसम की अनुकूलता एवं सघन वनों के कारण पर्याप्त प्राकृतिक उत्पादान होता है। ग्रामीणजन एवम आदिवासी इसका बड़े चाव से उपयोग करते है। उनकी मशरूम के प्रति विशेष रूचि है इसीलिये इन क्षेत्रों में व्यावसायिक स्तर पर उत्पादित आयस्टर एवं पैरा मशरूम की अधिक मांग है।
दरसल मशरूम फफूंदों का फलनकाय है, जो पौष्टिक, रोगरोधक, स्वादिष्ट तथा विशेष महक के कारण आधुनिक युग का एक महत्वपूर्ण खाद्य आहार है। बिना पत्तियों के, बिना कलिका, बिना फूल के भी फल बनाने की अदभूत क्षमता है मशरूम में, इसका प्रयोग भोजन के रूप में, टानिक के रूप में, औषधि के रूप में होता है|
यह एक शुद्ध शकाहारी भोजन है, इसके साथ ही साथ मशरुम हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। मशरुम में कई पोषक तत्व पाए जाते है जैसे विटामिन बी, सेलेनियम, कॉपर और पोटाशियम। इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है, और कैलोरीज की मात्रा बहुत ही कम पाई जाती है। मशरुम का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है |
मशरुम में पाया जाने वाला एंजाइम्स डायबिटीज रोगी के शरीर में से चीनी और स्टार्च को रोकने में मदद करता है। इसमें प्राकृतिक एंटीबायोटिक पाई जाती है जिससे संक्रमण होने का खतरा कम रहता है। इसके अलावा मशरुम के सेवन से शरीर में प्राकृतिक इनसुलिन बनाती है। मशरुम में कार्बोहाइड्रेट्स की कम मात्रा के साथ जीरो कोलेस्ट्रॉल होता है जो की डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत हीं फायदेमंद होता है | मशरूम कैंसर रोकने में भी मद्दत करता है |