अब जैन मुनि तरुण सागर को विशाल ने लिखा खुला खत
अब जैन मुनि तरुण सागर को विशाल ने लिखा खुला खत
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जैन मुनि तरुण सागर को लेकर विवादित ट्वीट करने के बाद चर्चा में आए आम आदमी पार्टी के समर्थक, गायक और संगीत निर्देशक विशाल डडलानी ने पहले इस मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और फिर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. गौरतलब है कि विशाल डडलानी ने जैन मुनि तरुण सागर को लेकर विवादित ट्वीट कर दिया था.

विशाल के ट्वीट की पहले ट्विटर पर खूब आलोचना हुई थी व अब म्यूजिक डायरेक्टर विशाल डडलानी ने जैन मुनि तरुण सागर को अपनी और से एक खुला खत लिखा है...

पढ़ें उनका खुला खत:

हरियाणा राज्य विधानसभा में मुनि तरुण सागर जी को लेकर मैंने जो ट्वीट किया, उस बात को अब चार दिन बीत चुके हैं. मुझे ऐसा लगता है कि मैं एक इंसान के तौर पर दूसरे की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होने का अपना कर्तव्य निभाने में असफल रहा हूं. मेरा इस तरह से अपमान करने का कोई इरादा नहीं था. मैं एक धार्मिक व्यक्ति नहीं हूं लेकिन मुझे पता है कि धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए इसका क्या महत्व है.

मैंने मुनि तरुण सागर जी और उनके अनुयायियों से कई बार माफी मांगी लेकिन मैंने जो गलती की है और जो दर्द मैं महसूस कर रहा हूं उसके लिए सिर्फ मांफी मांगना पर्याप्त नहीं है.

एक भारतीय होने के नाते, मुझे मुनि तरुण सागर जी के अनुयायियों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए था. खास तौर पर उनसे माफी मिलने के बाद, मुझे यह एहसास हुआ कि उनका दिल कितना उदार है और जैन लोगों की नम्रता के पीछे कौन सी ताकत निहित है.

मैं हमेशा हर भारतीय के अधिकारों के लिए खड़ा हुआ हूं लेकिन मुझे लगता है कि इस बार मैं अपने देश प्रेम के लिए नाकाम रहा हूं क्योंकि ये बात एक बेहद सज्जन और शालीन मुनि तरुण सागर जी से जुड़ी हुई है. मुझे पता है कि मेरे पास डरने की कोई वजह नहीं है लेकिन अपने आप से असहमत और दुखी होने की बहुत बड़ी वजह है. मैं एक बार फिर से माफी मांगना चाहता हूं और इसी के साथ एक बार और साफ-साफ कह देना चाहता हूं कि मैं अब किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ने वाला हूं.

एक आर्टिस्ट और म्यूजिशियन की काबिलियत के साथ मैं अब सिर्फ समाज के कल्याण और भलाई के लिए गरीब और वंचित लोगों के लिए काम करूंगा जैसा कि जैन समुदाय के लोग करते हैं. ये मेरा अहंकार था कि बिना सोच समझे मैंने कुछ ऐसा कह दिया जिसकी वजह से मेरे जैन दोस्तों की भावनाएं आहत हुईं.

अपने उसी अहंकार को मैं आपकी मदद से तोड़ना चाहता हूं. मैं अपनी दिल की गहराइयों से एक बार फिर मुनि जी और अपने सभी जैन भाई-बहनों से माफी मांग रहा हूं. मैं वादा करता हूं कि दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा.

जैन उदारता का परिचय देते हुए मुनि जी पहले ही कह चुके हैं कि मेरा बयान उनके लिए अप्रासंगिक है और वह मुझे माफ कर चुके हैं. लेकिन फिर से एक बार व्यक्तिगत तौर पर उनके उन सभी अनुयायियों और जैन समुदाय के लोगों से माफी मांगता हूं जिन्हें मेरी वजह से दुख पहुंचा है. डडलानी ने कहा कि मेरे मन में मुनि जी और जैन धर्म के प्रति पूरी आस्था और सम्मान है.

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