चेन्नई: हाल ही में तमिलनाडू के एक विरुधनगर से खबर सामने आई थी कि यहाँ के एक सरकारी अस्पताल में गर्भवति महिला को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया है. इसी मामले में ताजा खबर ये है कि अस्पताल में गर्भवती महिला को चढ़ाए गए एचआईवी संक्रमित खून को दान करने वाले यूवा ने आत्महत्या करने का प्रयास किया है. महिला को संक्रमित खून चढ़ाने जैसी लापरवाही को लेकर राज्य में पहले ही हंगामा मचा हुआ है. खून देने वाले युवक के परिवार वाले इस बवाल की स्थिति को नहीं संभाल पा रहे थे जिससे परेशान होकर युवक ने जान देने की कोशिश की है.
जानिए ऐसा क्या हुआ की पति ने लगा ली फांसी
युवक ने 2016 में अपने एक रिश्तेदार के लिए अस्पताल में खून दान किया था लेकिन वह उपयोग में नहीं लिया गया, क्योंकि यह पता चल गया था कि खून एचआईवी संक्रमित है. वहीं लापरवाह लैब टैक्नीशियन ने उस खून पर सेफ का लेबिल लगा दिया था. इसके बाद 3 दिसंबर को जब गर्भवति महिला अनीमिया के कारण अस्पताल पहुंची तो उसे यही एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया था. अस्पताल की इस लापरवाही से लोगों में काफी आक्रोश फ़ैल गया है. डॉक्टरों का कहना है कि महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका प्रभाव पड़ा है या नहीं ये उसके जन्म के बाद ही पता चल सकेगा.
हमारा राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ बंगाल के लिए सम्मान- ममता बनर्जी
महिला को संक्रमित खून चढ़ा दिए जाने के बाद उस युवक से तत्काल संपर्क कर सूचना दी गई और अस्पताल बुलाया गया. युवक तब इलाके से बाहर था. उसने हंगामे से बचने के लिए आत्महत्या की कोशिश की, हालांकि उसे बचा लिया गया है. वहीं मद्रास हाई कोर्ट ने मामले में गुरुवार को संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से 3 जनवरी तक जवाब देने को कहा है.
खबरें और भी:-
यहां मनाया जायेगा 26वां अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव, देश भर से आएंगे खास ऊंट
मनरेगा में मांगे जा रहे युवाओं से आवेदन, न्यूनतम उम्र 18 वर्ष
उत्तराखंड : शुरू हुई 2020 राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां