चेन्नई: इस समय तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण का प्रकोप जारी है. लगातार कई लोग इसकी चपेट में आते जा रहे हैं. वहीं इस घातक महामारी से लड़ने के लिए हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 9,000 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने 15,321 करोड़ रुपये की भी मांग की है. जी दरअसल बीते मंगलवार को पीएम मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में उन्होंने यह कहा है.
यह मीटिंग कई मुख्यमंत्रियों के साथ हुई थी. इस दौरान पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि 'केंद्र सरकार को राज्य द्वारा वहन किए जा रहे प्रतिदिन 5 करोड़ रुपये की कोरोना परीक्षण लागत का 50 प्रतिशत वहन करना चाहिए.' इसके अलावा पलानीस्वामी ने कहा, "केंद्र और राज्य कर राजस्व बजट अनुमानों से कम हो जाएगा. कमी को पूरा करने के लिए तमिलनाडु को कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए 9,000 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान आवंटित किया जा सकता है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बाद है."
आप सभी को बता दें को तमिलनाडु सरकार ने आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी के अनुसार आवंटित किए गए 712.64 करोड़ रुपये के पैकेज में से दो किस्तों में केंद्र से 512.64 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं. वहीं पलानीस्वामी ने पैकेज 3,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का आग्रह भी कर दिया है. इस बारे में उन्होंने कहा, "हमने पहले ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया और शमन निधि को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, मैं महामारी से लड़ने के लिए तुरंत एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) से 1,000 करोड़ रुपये के तदर्थ अनुदान का अनुरोध करता हूं. इस समय लंबित सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) पर 1,321 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करने से धान की खरीद में सुविधा होगी."
इसके अलावा उन्होंने लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई ) को यह निर्देश देने के बारे में भी कहा कि वह तमिलनाडु इंडस्ट्रियल इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को पुनर्वित्त सुविधा के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक के विशेष पैकेज से कम से कम 1,000 करोड़ रुपये प्रदान कर दे.
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