तमिलनाडु में हिंदी को लेकर बगावत शुरू, केंद्र ने कहा- नहीं थोपेंगे कोई भाषा

तमिलनाडु में हिंदी को लेकर बगावत शुरू, केंद्र ने कहा- नहीं थोपेंगे कोई भाषा
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चेन्नई: तमिलनाडु में डीएमके समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित तीन भाषा फार्मूले का जबरदस्त विरोध किया है. उन्होंने इसे ठंडे बस्ते में डालने की मांग करते हुए दावा किया है कि यह हिन्दी को ‘थोपने’ की तरह है. तमिलनाडु सरकार ने मामले को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि वह दो भाषा फार्मूले को जारी रखेगी.

वहीं दूसरी ओर इस पूरे मसले पर विवाद बढ़ता देख केंद्र सरकार ने भी सफाई पेश की है. सरकार ने कहा है कि किसी पर भी कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी. एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि, समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, यह कोई नीति नहीं. जनता की प्रतिक्रिया जानी जाएगी. यह गलतफहमी है कि यह एक नीति बन जाएगी. कोई भी भाषा किसी भी प्रदेश पर नहीं थोपी जाएगी. 

कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने तमिल में किए गए कई ट्वीट्स में कहा है कि,‘स्कूलों में तीन भाषा फार्मूले का क्या मतलब है? इसका तात्पर्य यह है कि वे हिंदी को एक अनिवार्य विषय बनाएंगे.....’ उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘भाजपा सरकार का असली चेहरा उभरना आरंभ हो चुका है.’ इस बीच ट्विटर पर #स्टॉपहिंदीइंपोजिशन, #टीएनएअगेंस्टहिंदीइंपोजिशन ट्रेंड कर रहा है.

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