नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता की पहल को जारी रखने की वकालत की है। पठानकोट हमले के बाद संघ द्वारा दिए गए ऐसे बयान के बाद इस पर बहस छिड़ गई है। संघ ने कहा है कि पठानकोट हमले के बाद भी बातचीत की पहल जारी रहनी चाहिए, बशर्ते सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। संघ का कहना है कि पाकिस्तान के साथ सचिव स्तर की वार्ता के दौरान अपना पक्ष मजबूती से पाक के सामने रखना चाहिए।
बुधवार से महाराष्ट्र के जलगांव में आरएसएस का दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरु हुआ है। कहा जा रहा है कि इस चिंतन शिविर में पठानकोट हमले की भी चर्चा हो सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस इस वार्ता को रद्द करना चाहती है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि हमले के बाद बातचीत तुरंत रद्द हो जानी चाहिए। उन्होने कहा कि नवाज शरीफ की हुकुमत रायविंड से बाहर नही चलती। पाकिस्तान को राहील शरीफ चलाते है। वहां सिर्फ तीन चीजें चलती है- अल्लाह, आर्मी और अमेरिका।
तिवारी ने कहा कि दोनों देशों के एनएसए के बीच बैंकॉक में क्या वार्ता हुई, क्या सरकार सियाचीन और सर क्रीक को पाकिस्तान के हवाले करना चाहती है। उन्होने कहा कि यदि आतंक चलता रहता है तो आप क्या बात करना चाहते है। भाजपी बौखला गई है। आप लाहौर क्या करने गए थे।