कई लोग ऐसे है जो कच्चा दूध पीना बेहतर समझते है. ऐसा माना जाता है कि पाश्च्यूरीकृत दूध की तुलना में कच्चे दूध में अधिक प्रोटीन और जीवाणु होते है. एक रिसर्च के अनुसार, कच्चे दूध का सेवन हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है. किन्तु एक नई रिसर्च में सामने आया है कि पाश्च्यूरीकृत दूध की तुलना में कच्चा दूध पीने से खाद्य जनित बीमारियों के होने का खतरा 100 गुना तक बढ़ सकता है.
रिसर्चर के अनुसार, आमतौर पर दूध में पाया जाने वाला माइक्रोबियल में एशचेरीचिया कोली ओ157:एच7 के साथ संक्रमणकारी सालमोनेला, कैंपीलोबेक्टर और लिस्टेरिया पाया जाता है. ये जीवाणु मनुष्यों में खाद्यजनित बीमारियों का कारण बनते हैं. कच्चे दूध का सेवन करने से टीबी के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते है.
यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो टीबी हो सकती है. यदि कोई व्यक्ति कच्चे दूध का सेवन करता है, तो टीबी के बैक्टीरिया दूध के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर आंतों की टीबी को जन्म देते हैं. कच्चा दूध शरीर में अम्ल बढ़ाते है. यह शरीर के लिए नुकसानदायक है. यह शरीर में एसिड भी बनाता है.
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