महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जिन सुरक्षा उपायों को सर्वाधिक महत्व दिया जा रहा, फेस मास्क उनमें प्रमुख है. प्रशासन ने घर से बाहर निकलने वालों के लिए मास्क का प्रयोग बाध्यकारी कर रखा है. मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. इससे इतर अधिकतर लोग मास्क के प्रयोग को लेकर जागरूक भी हुए हैं. बाजार में साधारण से लेकर डिजाइनर मास्क तक उपलब्ध हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लगातार जागरूक किए जाने से आम-ओ-खास ने मास्क की दीर्घकालिक अनिवार्यता को मानसिक स्तर पर स्वीकार कर लिया है यद्यपि लॉकडाउन के दो महीने पूरे होते-होते मास्क के लगातार इस्तेमाल से कई जटिलताएं भी सामने आ रही हैं. इस आशय की एक स्टडी ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है जिसमें मास्क के लगातार इस्तेमाल से पैदा हो रहीं जटिलताओं को स्वीकार करते हुए लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. स्थानीय चिकित्सा विज्ञानी, खासकर श्वसन तंत्र संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञों ने भी मास्क का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करने की सलाह दी है.
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वायरस का मुकाबला करने के लिए मास्क लगाने से नाक-मुंह कवर रहते हैं. ऐसे में कई बार एक्स हेल्ड एयर (बाहर सांस फेंकना) के वक्त हवा आंख में पहुंच जाती है. इससे आंख में इरिटेशन होने लगता है. व्यक्ति अपना हाथ बारबार आंख के पास ले जाता है. इससे आंख के जरिये संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. इसके अलावा मरीजों के बाहर सांस फेंकने पर हवा भी संक्रमित होती है. यह आंख में पहुंचने पर और नुकसानदायक हो जाती है.
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