कोरोना : इस सम्मेलन से निकले लोग इंसानियत के मानने जा रहे दुश्मन
कोरोना : इस सम्मेलन से निकले लोग इंसानियत के मानने जा रहे दुश्मन
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21 दिन के लॉकडाउन के पहले कोरोना वायरस भारत में पहुंच चुका था. जिसके बाद भारत में कोरोना महामारी से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाय पहली बार जनवरी में लागू किए गए थे जब सरकार ने चीन से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए अपने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को निर्देश जारी किया था. इसके बाद ही सरकार ने विदेश से आने वाले सभी यात्रियों को इसके दायरे में रखकर समझदारी भरा कदम उठाया. 19 मार्च को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मार्च की सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक सभी नागरिकों को ‘जनता कर्फ्यू ’ (लोगों के कर्फ्यू) का पालन करने के लिए कहा. उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा हुई कि 23 मार्च, 2020 की सुबह 6 बजे से दिल्ली को 31 मार्च तक बंद रखा जाएगा. 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी बंद का आदेश दिया.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जब देश के नागरिक अपने घरों में रहकर ईश्वर से कोरोना वायरस से बचने के लिए प्रार्थना कर रहे थे, तभी देश की राजधानी नई दिल्ली से एक खबर सामने आई कि मार्च के शुरू में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात में 13 मार्च को इंडोनेशिया, मलेशिया और अन्य देशों के नागरिकों के साथ 3,000 से अधिक लोगों का एक कार्यक्रम हुआ. देश भर से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण पाए जा रहे हैं चाहे वे तमिलनाडु से हों या कश्मीर से. आज इस कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से लगभग 10 लोग कोविड-19 के कारण मर भी चुके हैं, जिनमें जमात के कश्मीर प्रमुख भी शामिल हैं. आलम ये हो गया है कि देश के कुल कोरोना वायरस संक्रमितों में एक चौथाई संख्या उन लोगों की है जिनका दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज से प्रत्यक्ष या परोक्ष नाता रहा है. 

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इस परिस्थिति के बाद सवाल उठता है कि आखिर क्यों जमात ने इस महामारी के चलते अपने कार्यक्रम को रद्द करने के लिए दूरदर्शिता दिखाई?  जमात एक विश्वव्यापी संगठन है और इसे दुनिया भर में मौजूद बड़े इस्लामी संगठनों में से एक गिना जाता है

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अपने विशाल नेटवर्क के बावजूद वे ये मापने में विफल कैसे रहे कि विदेशी नागरिकों को ऐसे समय में इतनी बड़ी संख्या में लाकर देश में रह रहे अनेकों के लिए ख़तरा बन सकते हैं. उनका कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी उनके यहां एक बड़ी संख्या में लोग एक-साथ वहीं रुके रहे जिनमें से कुछ में कोविड-19 के लक्षण नज़र आने लगे थे.

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