कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और इस बीमारी ने सभी को हैरान किया हुआ है। हर दिन कोई ना कोई इसकी चपेट में आ रहा है। आपको बता दें कि भारत में बच्चेदानी के मुख के कैंसर की वजह से हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु हो जाती है। जी हाँ और अपने ही देश में स्तन कैंसर से पीडि़त हर दो महिलाओं में से एक महिला अपनी जान गंवा देती है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं स्तन कैंसर और बच्चेदानी का कैंसर के लक्षण।
स्तन कैंसर (Breast Cancer) : 20 से 30 वर्ष के बीच महिलाओं को अपने स्तनों का सेल्फ एग्जामिनेशन करना चाहिए। अगर महिलाओं के स्तन में बिना दर्द की कोई गांठ है, निप्पल से कुछ खून या पानी डिस्चार्ज हो रहा है, निप्पल अंदर की तरफ धंस गए हैं, दोनों स्तन के साइज में फर्क है, स्तन में सूजन है, गले या बगल में गांठ है, तो ये सभी स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
बच्चेदानी का कैंसर (Uterine Cancer) : बच्चेदानी या गर्भाशय का कैंसर एक वायरस जनित कैंसर है। जी हाँ और अगर महिलाओं के पीरियड्स सामान्य से अधिक समय तक जारी रहते हैं, इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग होना, गंदे पानी का डिस्चार्ज होना, दो मासिक धर्म के बीच में अचानक ब्लीडिंग होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना आदि बच्चेदानी (गर्भाशय) के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
बच्चेदानी के मुंह का कैंसर (Cervical Cancer) : संबंध बनाने के दौरान ब्लीडिंग, अनियमित और असामान्य ब्लीडिंग, दो नियमित पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग, मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग, पीरियड्स के अलावा पेट में असामान्य दर्द, योनि से गाढ़े बदबूदार पानी का स्राव, पेशाब में जलन या दर्द रहना आदि गर्भाशय ग्रीवा यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।
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