कभी साइकिल से गलियों में दवाई बेचते थे बाबा रामदेव, युवावस्था में ले लिया सन्यास
कभी साइकिल से गलियों में दवाई बेचते थे बाबा रामदेव, युवावस्था में ले लिया सन्यास
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कभी साइकिल पर सवार होकर हरियाणा की गलियों में दवाई बेचने वाले स्वामी रामदेव का आज जन्मदिन है। आज स्वामी रामदेव अपना 57वां जन्मदिन मना रहे हैं। आप सभी को बता दें कि आज स्वामी रामदेव भारत के सबसे बड़े योग गुरू है। स्वामी रामदेव (Ramdev) का जन्म भारत में हरियाणा (Haryana) राज्य के महेन्द्रगढ जनपद स्थित अली सैयद्पुर नामक एक साधारण से गांव में 25 दिसम्बर, 1965 को हुआ था। आप सभी को शायद ही पता होगा कि बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बचपन का नाम रामकृष्ण था। जी हाँ और उनकी मां श्रीमती गुलाब देवी एक धर्मपरायण महिला व उनके पिताश्री रामनिवास यादव एक कर्तव्यनिष्ठ गृहस्थ हैं।

कहा जाता है बचपन में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) क्रान्तिकारी रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ व स्वतन्त्रता-सेनानी सुभाषचन्द्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की फोटो को घंटों एकटक देखा करते थे और सोचते थे कि वह भी बड़े होकर ऐसा ही कुछ करेंगे। वहीं उन्होंने पास के ही गांव शहजादपुर के सरकारी स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढाई पूरी की और इसके बाद बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने खानपुर गांव के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बल्देवजी से संस्कृत व योग की शिक्षा ली। हालाँकि बाबा रामदेव (Ramdev) के मन में कुछ कर गुजरने की चाह थी और इसी चाह को पूरा करने के लिए स्वामी रामतीर्थ की भांति अपने माता-पिता व बन्धु-बान्धवों को सदा-सर्वदा के लिये छोड़ दिया।

ऐसे में उन्होंने युवावस्था में ही सन्यास लेने का संकल्प किया और पहले वाला रामकृष्ण, स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) के नये रूप में अवतरित हुआ। साल 1995 से उन्होंने योग को लोकप्रिय और सर्वसुलभ बनाने के लिये अथक परिश्रम करना प्रारम्भ किया। कहा जाता है कुछ समय तक कालवा गुरुकुल, जींद जाकर नि:शुल्क योग सिखाया उसके बाद हिमालय में ध्यान और धारणा का अभ्यास करने निकल गए। वहां से सिद्धि पाने के बाद उन्होंने प्राचीन पुस्तकों व पाण्डुलिपियों का अध्ययन किया और हरिद्वार आकर कनखल के कृपालु बाग आश्रम में रहने लगे। यहीं से उन्हें अपने जीवन का निर्णायक मोड़ मिला। उसके बाद बाबा रामदेव ने टीवी के माध्यम से जनता तक योग की शक्ति को पहुंचाया और यहीं से वह प्रसिद्ध हो गए। आज देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बाबा के अनेक भक्त हैं। बाबा योग को महत्व देते हैं और योग और जड़ीबूटियों से लोगों को स्वस्थ रहने के लिए कहते हैं।

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