प्रयागराज: पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ तो दूर एक इंच जमीन भी नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या तो क्या पूरे भारत की बॉर्डर और दुनिया के किसी कोने में एक उन्माद फैलाने वाले शख्स के नाम पर जमीन नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के लिए जमीन देने का मतलब एक आतंकवाद के समर्थक को महिमामंडित करना होगा। माघ मेला स्थित अपने शिविर में सोमवार को शंकराचार्य ने प्रेस वालों के सामने रामजन्मभूमि विवाद पर 9 नवंबर को आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर असंतोष प्रकट करते हुए कहा है कि इससे इतिहास कलंकित होगा।
उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक मामलों में शंकराचार्य का फैसला किसी भी अदालत से ऊपर है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के माघ मेला स्थित शिविर में मार्गदर्शक मंडल की मीटिंग में संतों ने रामजन्मभूमि न्यास को मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी देने की मांग सरकार से की। अनुमान लगाया जा रहा था इस बैठक में संत मंदिर निर्माण का तिथि भी घोषित कर सकते हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था।
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