नई दिल्लीः केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद स्वच्छता को लेकर एक बड़ा अभियान छेड़ा गया। सरकार ने दो अक्टूबर यानि गांधी जयंती को स्वच्छता के दिन के रूप मे मनाने का ऐलान किया। इस दो अक्टूबर को स्वच्छ भारत अभियान के पूरे पांच साल हो गए। हालांकि इस अभियान का जनक संत गाडगे को कहा जाता है। जिसे भूला दिया गया है। संत गाडगे का अनुसरण करने वाली संस्था अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संगठन ने आज यहां राजधानी में स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते हुए सरकार से संत गाडगे को उचित सम्मान दिए जाने की मांग की।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय रजक ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम आरंभ किया। अजय रजक ने इस अवसर पर एक मांग पत्र भी संस्था की ओर से सरकार को प्रेषित करने की बात कही, जिसमें स्वच्छता के जनक संत गाडगे का नाम स्वच्छता अभियान से जोड़ने के लिए कहा गया।
उन्होंने बताया कि भारतीय इतिहास में संत गाडगे पहले व्यक्ति थे जिन्होंनें न सिर्फ व्यापक स्तर पर लोगों को स्वच्छ भारत के लिए जागरूक किया, बल्कि स्वयं का पूरा जीवन स्वच्छता को समर्पित कर दिया। वह जिस भी स्थान या गांव में जागरुकता के लिए जाते थे, वहां पहले स्वयं साफ-सफाई करते थे। यही संदेश उन्होंने लोगों को भी दिया कि बिना सरकारी अमले या किसी और से मदद की अपेक्षा किए अपने आसपास के वातावरण को साफ रखा जाए। गाडगे बाबा की ये और ऐसी कई खूबियों के कारण बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर उन्हें अपना गुरू मानते थे। संस्थाा ने केंद्र सरकार से उनके नाम पर स्वच्छता सम्मान प्रदान करना शुरू करे।
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