असम : पढ़ने में यह बड़ा अजीब लगता है कि एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि जो विधायक बना उसकी नागरिकता संदिग्ध है. जी हाँ असम के बरखोला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक किशोर नाथ और उनके परिवार के सदस्यों को विदेशी नागरिकों से संबंधित ट्रिब्यूनल ने संदिग्ध नागरिक होने का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बता दें कि उक्त ट्रिब्यूनल ने बीजेपी विधायक किशोर नाथ, उनकी पत्नी नीलिमा नाथ, के साथ ही उनके चार भाइयों और एक अन्य रिश्तेदार को नोटिस जारी किया है.
इस नोटिस में किशोर नाथ और उनके परिवार के सदस्यों को ट्रिब्यूनल के जज के सामने पेश होकर यह साबित करने को कहा गया है कि वे लोग भारत के नागरिक हैं.
इस बारे में विधायक किशोरनाथ ने कहा कि वो और उनका परिवार भारत के नागरिक हैं. नाथ ने कहा वो ज़रूरी कागज़ात के साथ कोर्ट में जाएंगे और सिद्ध कर देंगे कि वो भारत के नागरिक हैं.उनका आरोप है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के निर्देश पर ट्रिब्यूनल ने उन्हें नोटिस जारी किया है.नाथ ने विधानसभाध्यक्ष को इस नोटिस से अवगत करा दिया है. स्मरण रहे कि पहले भी 'नागरिकता संशोधन अधिनियम 2016' को लेकर काफी विरोध हो चुका है.लोगों को लगता है कि ये असम समझौते के विरोध में मानते हैं . इस प्रावधान में 1971 के बाद बांग्लादेश से भारत में आए लोगों को वापस भेजने का जिक्र किया गया है .
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