कौन है सुशांत की मौत का जिम्मेदार- नेपोटिज्म, प्यार या फिर आप?
कौन है सुशांत की मौत का जिम्मेदार- नेपोटिज्म, प्यार या फिर आप?
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वैसे हैडिंग देखकर दिमाग खराब हो गया होगा और दिमाग में आया होगा हम कैसे...? आप सोच रहे होंगे हमने तो कुछ नहीं किया फिर कातिल हम कैसे...?

दूर से देखने में तो हर चेहरा प्यार होता है और मेरे दोस्त
आत्महत्या के पीछे भी कोई ना कोई हत्यारा होता है...

अब आइए जानते हैं कि हम कहीं ना कहीं सुशांत की मौत के जिम्मेदार है या नहीं..? यह मेरा केवल आपसे सवाल है आप इसे मेरा व्यू भी समझ सकते हैं और मुझे उम्मीद है कि कहीं ना कहीं आपको यह सही लगेगा..


आप देख रहे होंगे जब से सुशांत की मौत हुई है एक ही सवाल सभी जगह छाया हुआ है कि आखिर क्यों उन्होंने आत्महत्या की. इस समय आम लोग इसके लिए सुशांत के डिप्रेशन से लेकर, नेपोटिज्म, उनके प्यार तक को जिम्मेदार मान रहे हैं लेकिन वह भूल रहे हैं कि इसमें कहीं न कहीं हाथ उनका भी है. जी हाँ, हम आम जनता है और किसी भी व्यक्ति का करियर बनाना है कि बिगाड़ना है यह हम तय करते हैं. आप खुद सोचिये अगर आप सलमान खान की मूवीज को देखने नहीं जाते तो क्या वो हिट होती. अगर वो हिट नहीं होती तो क्या सलमान खान सुपरस्टार बन पाते...? नहीं! ऐसा नहीं होता क्योंकि जब आप किसी की मूवीज को देखेंगे ही नहीं तो उसकी मूवीज चलना बंद हो जाएगी, इंडस्ट्री में उस व्यक्ति को काम मिलना बंद हो जाएगा, कोई उसपर पैसा नहीं लगना चाहेगा, कोई उसे फिल्म में नहीं लेगा. क्यों क्योंकि आपको यानी दर्शकों को उसकी फ़िल्में पसंद नहीं. दर्शक देखते नहीं है तो उस व्यक्ति को लेकर फिल्म बनाने का क्या फायदा. तो ऐसे में आप सुशांत सिंह की मौत के लिए नेपोटिज्म, सलमान खान, महेश भट्ट, उनके प्यार, डिप्रेशन को जिम्मेदार कैसे बता सकते हैं.

सोचिये आपने सुशांत की कितनी फिल्म देखी- एक, दो, तीन बस. सुशांत ने अपने करियर में 11 मूवीज की थी और उनके काई पो चे, सोन चिरैया, ब्योमकेश बक्शी, एम् एस धोनी, राब्ता, शुद्ध देसी रोमांस, पीके, वेलकम टू न्यूयॉर्क, छिछोरे, ड्राइव, केदारनाथ. इन सभी फिल्मों में अगर आप सुशांत की एक्टिंग देखेंगे तो वह कमाल है, लेकिन इन फिल्मों के कलेक्शन अगर आप देखेंगे तो आपको हैरानी होगी. इन सभी फिल्मों में से कुछ ही ऐसी रहीं हैं जो चली है. जैसे हम बात कर लें एम एस धोनी की. यह फिल्म जमकर सुर्ख़ियों में रही थी. इस फिल्म को बहुत प्यार मिला और इस फिल्म के कलेक्शन ने 200 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर दिया था. अब अगर बात करें इस फिल्म के हिट होने की तो वह इस वजह से हिट नहीं हुई थी क्योंकि उसमे सुशांत थे बल्कि वह इस वजह से हिट हुई थी क्योंकि उसमे एम एस धोनी की कहानी थी. इस फिल्म को एम एस धोनी के फैंस ने पसंद किया था और फिल्म इसी वजह से चली लेकिन इस फिल्म के बाद फिर सुशांत सुर्ख़ियों से गायब हो गए. उनकी दूसरी किसी फिल्म के सफल होने की बात करें तो वह केदारनाथ थी. जबकि उस फिल्म में कहीं से कहीं तक सुशांत को देखने नहीं बल्कि लोग सारा को देखने गए थे. सारा एक स्टार किड है. वह सैफ अली खान की बेटी है और इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान भी सारा को महत्व दिया गया था. वैसे इस बात का जिक्र इस फिल्म के डायरेक्टर अभिषेक कपूर कर चुके हैं. उन्होंने बताया था कि इस फिल्म में खुद को महत्व न मिलने से सुशांत खुश नहीं थे. अब बात करते हैं तीसरी फिल्म की तो वह चली थी छिछोरे, इस फिल्म के नाम से ही पता चल रहा है कि लोगों ने इसे क्यों देखा. अब आप ही सोचिये जब आप एक व्यक्ति की 11 फिल्मों में से केवल 3 फ़िल्में देखेंगे तो क्या उसे और फ़िल्में मिलेंगी, क्या उसके साथ कोई काम करेगा...? नहीं ना, तो आप कैसे कह सकते हैं कि सुशांत को मूवीज नहीं मिलती थी.

अब आप किसे जिम्मेदार मानते हैं नेपोटिज्म को, उनके प्यार को, उनके डिप्रेशन को या कहीं ना कहीं अपने आपको भी. हम दर्शक है, हमें पहचानना है कि कौन टेलेंटेड है और कौन ऐसा है जो बिना टेलेंट के भी इंडस्ट्री में लगातार फिल्म बनाकर कमा रहा है. दर्शक चाहे तो किसी भी स्टार को फ्लॉप कर सकते हैं फिर वह सलमान खान हो या अक्षय कुमार. हम इनकी एक्टिंग पर सवाल नहीं उठा रहा है यह केवल एक उदाहरण है जो इस एक आम दर्शक के महत्व को समझाता है. जब हम किसी एक्टर को तवज्जो ही नहीं देंगे तो कोई फिल्म मेकर उसे अपनी फिल्म में भला क्यों लेगा..?

कंगना रनौत का कहना है इंडस्ट्री में नेपोटिज्म है. तो आप बताए नेपोटिज्म कहाँ नहीं होता, किस इंडस्ट्री में नहीं होता. आम लोगों के लिए भी तो नेपोटिज्म होता है. अगर आपके बॉस को अपने बेटे और (10 साल से कंपनी में कार्यरत) आपमें से किसी एक को मैनेजर बनाना होगा तो क्या वो आपको बनाएंगे...? नहीं ना! तो नेपोटिज्म को ही एक कारण नहीं माना जा सकता है कि इसी के कारण सुशांत जैसे स्टार्स का करियर तबाह हो जाता है. इसके लिए कहीं न कहीं दर्शकों को भी समझना होगा कि उन्हें किस एक्टर की फिल्मों को देखना है अच्छा रिस्पॉन्स देना है और किसे नहीं..?

कहते हैं इंसान की कदर तब नहीं होती जब वो जिन्दा होता है और मरने के बाद तो दुश्मन भी आकर रोने लगते हैं. ठीक कुछ वैसा ही यहाँ भी हुआ है. मरने के पहले सुशांत के इंस्टाग्राम फॉलोवर्स की संख्या 9 मिलियन थी और अब वह बढ़कर 14 मिलियन हो गई है. फॉलोवर्स कौन है हम आम लोग ना, तो क्या हम सुशांत को पहले फॉलो नहीं कर सकते थे....? अब अगर पहले नहीं कर सकते थे तो उनके मरने के बाद क्यों...? अब लोग उनकी पोस्ट पर कमेंट कर रहे हैं, मैं आपको भूल नहीं पा रही, आई मिस यू, वापस आ जाओ वगैरह-वगैरह.... तो आप ही बताए आपको पहले कद्र नहीं हुई और अब अचानक इतना प्यार उमड़ रहा है... सुशांत जमीन से जुड़े हुए इंसान थे वह अपने कई फॉलोवर्स को फॉलो बैक करते थे और अपने फॉलोवर्स को जन्मदिन विश, अपनी फिल्म देखने के लिए कहना, उनसे बाते करना, आदि सब करते थे लेकिन बदले में उन्हें क्या मिलता था कुछ नहीं....

अब अचानक से सबके दिलों में प्यार उमड़ पड़ा है इसके पहले कहाँ था आपका यह प्यार कोई बताएगा. दर्शक कह रहे हैं सुशांत की हत्या हुई है उसे इंसाफ मिलना चाहिए तो अब गहराई से सोचिये कि अगर हम भी साथ देते तो क्या सुशांत आज हमारे साथ नहीं होते...? खैर अगर आप इस बात से सहमत है तो अपनी सहमति जताए नहीं है तो आप अपना व्यू दीजिये...

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