रांची में रथ पर आरूढ़ होकर दर्शन देते हैं सूर्य भगवान
रांची में रथ पर आरूढ़ होकर दर्शन देते हैं सूर्य भगवान
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यूं तो देश में कोणार्क का सूर्य मंदिर अतिप्राचीन मंदिरों में से एक और बेहद लोकप्रिय है लेकिन इन मंदिरों के ही साथ एक अन्य मंदिर भी है जो आध्यात्म और अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। जी हां, यह मंदिर प्रतिष्ठापित है। रांची से करीब 39 किलोमीटर की दूरी पर। जी हां, रांची - टाटा रोड़ पर स्थित यह मंदिर बुंडू के पास है। संगमरमर से बने इस मंदिर का निर्माण करीब 18 चक्रों ओर 7 घोड़ों से बने रथ पर आसीन दर्शाया गया है। रथ पर भगवान श्री सूर्यनारायण का मंदिर प्रतिष्ठापित है। बताया गया है कि भगवान श्री सूर्य अपने रथ पर आरूढ़ हैं। 

रथ में लगाए गए घोड़े सात जीवन के प्रतीक हैं, तो दूसरी ओर विशाल रथ के तौर पर इन्हें दर्शाया गया है। मंदिर परिसर में एक तालाब स्थित है। छठ पर्व पर इस तालाब और मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। माना जाता है कि यहां स्नान करने से सारे बुरे कर्म दूर हो जाते हैं। श्रद्धालु यहां नियमित दर्शन करने भी आते हैं। यह सूर्य मंदिर बेहद अद्भुत बना है। इस मंदिर में प्रतिवर्ष 25 जनवरी को टुसू मेले का आयोजन किया जाता है। इस विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर के समीप ही धर्मशाला बनाई गई है। 

 

 

 

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