नई दिल्ली: बुधवार को 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा. अदालत ने 10वीं एवं 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली 10वीं तथा 12वीं कक्षा की 'ऑफलाइन' बोर्ड परीक्षा कैंसिल किए जाने की मांग वाली याचिकाओं को स्थगित कर दिया.
वही इसके साथ ही अदालत ने ICSE तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) द्वारा आयोजित की जाने वाली ऑफलाइन परीक्षाओं को भी कैंसिल करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया. 10वीं एवं 12वीं में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दायर की गई थी तथा परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित कराने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने बताया था कि बीते वर्ष की भांति ही परीक्षा कराने का आदेश दिया जाए.
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का कहना है कि इस प्रकार की याचिकाएं भ्रामक हैं तथा विद्यार्थियों को झूठी उम्मीद देती हैं. न्यायाधीश एएम खानविलकर, न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी तथा न्यायाधीश सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आपकी याचिका पर विचार करने का अर्थ है कि और अधिक असमंजस करना. पहले ही आपने जनहित याचिका के नाम पर ये अर्जी दाखिल कर विद्यार्थियों एवं माता-पिता के बीच बहुत असमंजस बना हुआ है.
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