गुलशन कुमार के कातिलों की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अब्दुल रशीद ने मांगी जमानत
गुलशन कुमार के कातिलों की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अब्दुल रशीद ने मांगी जमानत
Share:

नई दिल्ली: टी सीरीज (T-Series) के मालिक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में दोषी अब्दुल राशिद दाउद मर्चेंट और अब्दुल रऊफ दाउद मर्चेंट की याचिका पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने सहमति दे दी है. अदालत जुलाई में इस मामले की सुनवाई करेगा. याचिका में अब्दुल राशिद ने जमानत भी मांगी है, जो सरकारी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद पर कार्यरत था. 

उल्लेखनीय है कि, 12 अगस्त 1997 को भजन गायक गुलशन कुमार की मुंबई में जीत नगर में एक मंदिर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 2002 में मुंबई की सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अब्दुल रऊफ को दोषी करार दिया था, जबकि अब्दुल राशिद को बरी कर दिया था. हालांकि, 2021 में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अब्दुल रऊफ की सजा को बरकरार रखा था, साथ ही अब्दुल राशिद को बरी करने के लोअर कोर्ट के फैसले को भी पलट दिया था. अदालत ने कहा था कि अब्दुल राशिद शूट आउट में हिस्सा लेने वाले कातिलों में शामिल था. वकील सतीश माने शिंदे ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर उच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने अपील में कहा है कि हाईकोर्ट अपने सामने रखे गए सबूतों को समझने में नाकाम रहा है. साथ ही प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयानों के बीच विरोधाभासों को ध्यान में रखने में विफल रहा है. 

इसके साथ ही अब्दुल राशिद द्वारा दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि शूट आउट के समय पहले गोली चलने के बाद चश्मदीद नारियल के पेड़ के पीछे छिप गया था. ऐसे में यह समझना आवश्यक है कि कथित गवाह केवल अब्दुल राशिद और सह-अभियुक्त को घटना स्थल पर पहुंचते देख पाया था. यही नहीं अपील में कहा गया है कि एक और गवाह जो कुमार के पास खड़ा था, वह अब्दुल राशिद की पहचान करने में नाकाम रहा है. उच्च न्यायालय ने इसे नजर अंदाज कर दिया. साथ ही याचिका में कहा गया है कि अब्दुल राशिद अब 50 वर्ष का है. ऐसे में उसे स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें भी हैं. इसलिए अब्दुल राशिद को जमानत मिलनी चाहिए. अभी अब्दिल राशिद नाशिक सेंट्रल जेल में बंद है. 

पैरोल से भागा था अब्दुल रऊफ 

बता दें कि अब्दुल रऊफ को गुलशन कुमार हत्या मामले में दोषी ठहराया था. अप्रैल 2002 में उसे उम्रकैद की सजा मिली थी. फिर 2009 में वह पैरोल लेकर बाहर आया और बांग्लादेश फरार हो गया था. फिर बाद में उसे बांग्लादेश से भारत लाया गया था.

विधानसभा और हाई कोर्ट के भवन निर्माण की जांच कराएगी झारखंड सरकार, आदेश जारी

खड़े ट्रक में जा घुसी तेज रफ़्तार कार, एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, 7 अन्य घायल

होयसल साम्राज्य का बेशकीमती उपहार, इस मंदिर के निर्माण में तीन पीढ़ियों को लगे थे 103 वर्ष

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -