नई दिल्ली: सबरीमाला से संबंधित मामले में शीर्ष अदालत की 9 जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला दे दिया है. अदालत ने सोमवार को कहा है कि पुनर्विचार याचिकाओं में भी कानून के सवालों को बड़ी बेंच के पास भेजा जा सकता है. इससे पहले बीती सुनवाई में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दूसरे धर्म से संबंधित मामलों के साथ जोड़ने पर कुछ वकीलों द्वारा जताई गई आपत्ति को लेकर अपना पक्ष रखा था.
उन्होंने कहा था कि 9 जजों की बेंच के सामने जो मुद्दा है, उसका सबरीमाला मामले व उसकी समीक्षा से कोई वास्ता नहीं है. सॉलीसीटर जनरल ने आगे बताया था कि समीक्षा याचिका पर सुनवाई कर रही बेंच ने सबरीमाला मामले में पूरे फैसले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा था. इसकी जगह धार्मिक परंपराओं से संबंधित बड़े मामलों को बड़ी पीठ के पास भेजा गया था.
सुनवाई के दौरान कानून के सवालों को बड़ी बेंच के पास पहुँचाने को लेकर सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के फैसले को सही ठहराया था. जजों की बेंच ने इस बात पर विचार किया था कि सर्वोच्च न्यायालय पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए कानून का सवाल बड़ी पीठ को भेज सकती है या नहीं. यह सवाल सबरीमाला मामले की सुनवाई के दौरान उठा था जो विभिन्न धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ धार्मिक पक्षपात से संबंधित है.
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