नई दिल्ली: अदालत की अवमानना मामले में प्रशांत भूषण ने कल यानी सोमवार को माफी मांगने से साफ़ मना कर दिया था। अदालत ने वरिष्ठ वकील को कल तक का वक़्त दिया था। आज फिर शीर्ष अदालत में सुनवाई होगी। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से कहा था कि वह कोर्ट की अवमानना वाले ट्वीट को लेकर माफी नहीं मांगने वाले अपने बयान पर एक बार फिर विचार करें। इसके लिए उन्हें कोर्ट ने 24 अगस्त तक का समय दिया था।
इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि शीर्ष अदालत आज वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले में सजा सुना सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को भूषण से कहा था कि वह अपने ट्वीट को लेकर एक बार फिर विचार करे और अपने द्वारा की गई सजा पर सुनवाई करते हुए सोमवार को देश के प्रधान न्यायाधीश, एसए बोबडे द्वारा किए गए ट्वीट के लिए माफी मांगे। कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया था।
प्रशांत भूषण ने सोमवार को अदालत के सामने पेश किए गए अपने बयान में कहा कि मेरा मानना है कि शीर्ष अदालत मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए आशा का अंतिम गढ़ है। ट्वीट उनके विश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपने बयानों को वापस लेना निष्ठाहीन क्षमा होगी। प्रशांत भूषण ने अदालत में कहा कि ' मेरा बयान सद्भावनापूर्थ था। यदि मैं इस अदालत के समक्ष अपने बयान वापस लेता हूं, तो मेरा मानना है कि अगर मैं एक ईमानदार माफी की पेशकश करता हूं, तो मेरी नजर में मेरी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी, जिसमें मैं सर्वोच्च विश्वास रखता हूं।'
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