नई दिल्ली: जमीयत-उलेमा-हिंद की मरकज मामले में दाखिल याचिका पर शीर्ष अदालत में 13 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कि जाएगी. इस याचिका में मीडिया कवरेज को दुर्भावना भरा बताया गया है. याचिका में कहा गया है कि मीडिया गैरजिम्मेदाराना कार्य कर रहा है. मीडिया ऐसा दर्शा रहा है जैसे मुसलमान कोरोना का संक्रमण फैलाने का अभियान चला रहे हैं. इसलिए शीर्ष अदालत इस पर रोक लगाए और मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर झूठी अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई का आदेश दे.
पीएम केयर रिलीफ फंड के खिलाफ शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका पर भी न्यायालय 13 अप्रैल को ही सुनवाई करेगा. एक वकील एम.एल शर्मा ने ये याचिका खुद दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री अलग से पीएम रिलीफ केयर फंड नही बना सकते हैं. कानूनन यह गलत है. इसीलिए इस फंड के तहत मिले धन को सरकारी फंड में ट्रांसफर किया जाए.
याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने कार्यालय का इस्तेमाल करके गलत किया है. याचिका में पीएम मोदी को देश का प्रधानमंत्री के तहत पार्टी नहीं बनाया गया है, बल्कि एक व्यक्तिगत आदमी की तरह पार्टी बनाया गया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि नरेंद्र दामोदर दास मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, अमित शाह और निर्मला सीतारमण मेंबर हैं.
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