नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन के नेतृत्व वाली खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने शीर्ष अदालत को बताया था कि मुकदमा निपटने में 6 महीने का और समय लगेगा.
दरअसल, एसके यादव 30 सितम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था कि मामले में फैसला दिए जाने तक विशेष न्यायाधीश के कार्यकाल को कैसे विस्तार दिया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि 19 अप्रैल, 2017 को शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर 1992 के सियासी दृष्टि से संवेदनशील बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप में मुकदमा चलेगा और प्रतिदिन सुनवाई करके इसकी कार्यवाही दो वर्ष के अंदर 19 अप्रैल, 2019 तक पूरी की जाएगी.
सर्वोच्च न्यायालय ने रायबरेली और लखनऊ की अदालत में विचाराधीन इन दोनों मुकदमों को मिलाने और लखनऊ में ही इस पर सुनवाई का आदेश दिया था. आडवाणी, जोशी और उमा भारती समेत 13 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आपराधिक षड्यंत्र के आरोप हटा दिए गए थे, किन्तु हाजी महबूब अहमद और सीबीआई ने भाजपा नेताओं समेत 21 आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप हटाने के आदेश को चुनौती दी थी.
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