नई दिल्ली: 50 प्रतिशत ईवीएम की पर्चियों का वीवीपैट से मिलान को लेकर दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय अगले सप्ताह सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने इस मसले पर खुली अदालत में सुनवाई करने और तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है.
21 विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए अपने फैसले पर पुनः विचार करने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि अदालत ने 50 प्रतिशत ईवीएम की पर्चियों का वीवीपैट से मिलान को अव्यवहारिक बताया था. किन्तु चुनाव प्रक्रिया की विश्वनीयता बढ़ाने के लिए अदालत ने प्रति विधानसभा क्षेत्र 5 ईवीएम मशीनों की पर्चियों का मिलान वीवीपैट से करने का फैसला सुनाया था. जबकि पहले हर विधानसभा क्षेत्र से 1 ईवीएम मशीन की पर्चियों का मिलान वीवीपैट से किया जाता है.
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की समीक्षा की मांग की थी, साथ ही कहा था कि, ‘‘एक से पांच तक (मतदान केंद्र) बढ़ाना एक सही संख्या नहीं है और कोर्ट के इस फैसले से वांछित संतुष्टि नहीं होती है.’’ याचिका में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश दीपक गुप्ता की एक बेंच से तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया है.
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