नई दिल्ली: अरावली पहाड़ियां लुप्त होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर नाराजगी जताई है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने हरियाणा सरकार से कहा है कि उसने नया कानून लागू नहीं किया है। इतना ही नहीं, अदालत ने नाराजगी भरे लहजे में यह भी कहा कि यह वाकई चौंकाने वाला है कि आप जंगल को नष्ट कर रहे हैं और यह किसी भी तरह जायज़ नहीं है।
वीडियोकॉन मामला: चंदा कोचर और वेणुगोपाल के घर-दफ्तर पर ईडी का छापा
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर, 2018 में शीर्ष अदालत ने अवैध खनन के चलते राजस्थान के अरावली क्षेत्र से 31 पहाड़ियां लुप्त होने पर नाराजगी जताई थी। खंडपीठ ने एक केंद्रीय समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राजस्थान सरकार को 2 दिनों के अंदर अरावली पर्वत श्रृंखला के 115.34 एकड़ इलाके में अवैध खनन बंद करने का आदेश दिया था। साथ ही कहा था कि प्रदेश से इन पहाड़ियों का गायब होना भी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर का एक कारण है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में 177 पद खाली, इस पद के लिए करें आवेदन
अदालत ने टिप्पणी में कहा था कि आप प्रदेश के कुछ खनिकों के लिए लाखों दिल्ली वासियों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने मंगलवार को कहा था कि राजस्थान सरकार को अरावली क्षेत्र में खनन से भले ही 5000 करोड़ रुपए का राजस्व मिला हो। किन्तु, इसके लिए लाखों दिल्ली वासियों के जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता है। चूंकि पहाड़ियों का लुप्त होते जाना भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते प्रदूषण स्तर का ही एक कारण है।
खबरें और भी:-
इन नए नियमों के तहत अब फ्लाइट कैंसल या लेट होने पर रिफंड होंगे पैसे
डॉलर के मुकाबले 1 पैसे की मजबूती के साथ 71.21 के स्तर पर खुला रुपया
पिछले दिनों गिरावट के बाद आज मजबूती के साथ खुले बाजार, फिलहाल ऐसी स्तिथि